कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोच्चि में महिला कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. राहुल ने कहा, 'मैंने देखा कि संसद में महिला विधेयक पारित हो गया, लेकिन एक दशक के बाद लागू किया जाएगा. मैंने इतिहास में कभी नहीं देखा कि कोई बिल 10 साल बाद लागू होता हो. भाजपा 10 साल बाद जो एकमात्र विधेयक पारित कर रही है वह महिला आरक्षण का विधेयक है.'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'मैंने कई वरिष्ठ दक्षिणपंथी नेताओं को सुना है, जिन्होंने यौन उत्पीड़न के मामले में लड़की की पोशाक पर सवाल उठाए. ये बेहद शर्मनाक है. यह पीड़ित को ही दोषी ठहराता है. हमारे और आरएसएस के बीच यही अंतर है. हम मूलतः महिलाओं को सत्ता संरचना में लाना चाहते हैं. यदि आप हमारी योजनाओं को देखें तो उनका लक्ष्य महिलाओं का समर्थन करना है. आज राजनीतिक माहौल नफरत और हिंसा से भर गया है. किसी भी प्रकार की हिंसा से सबसे ज्यादा पीड़ित महिलाएं होती हैं.'
'हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलते हैं'
राहुल गांधी ने कहा कि यह बहुत ज़रूरी है कि महिला कांग्रेस इस तरह की हिंसा और नफरत से लड़े. मैं उन लाखों महिलाओं का स्वागत करना चाहता हूं जो कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई हैं. मैं नफरत भरी राजनीति से लड़ने में संघर्ष के लिए इन महिलाओं को धन्यवाद दूंगा. मैं आप सभी से मिलने के लिए उत्सुक हूं. उन्होंने कहा, 'जब लोग मुझसे पूछते हैं कि कांग्रेसी होने का क्या मतलब है, कांग्रेस लेफ्ट और आरएसएस से कैसे अलग है?तो इसका उत्तर एक पंक्ति का है जिसे आपको हर जगह रखना चाहिए. हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलते हैं.'
'आरएसएस मर्दों का संगठन, वहां महिलाओं को जगह नहीं'
राहुल गांधी ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के लिए एक अच्छा लक्ष्य यह होगा कि आज से 10 साल में हमारे 50 फीसदी मुख्यमंत्री महिलाएं हों. आज हमारे पास एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है. लेकिन मैं जानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में कई महिलाएं हैं जिनमें बहुत अच्छा मुख्यमंत्री बनने का गुण है.' उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जुबानी हमला करते हुए कहा, 'आरएसएस मर्दों का संगठन है. वहां महिलाओं को ज्यादा जगह नहीं मिलती है. महिलाओं को और अधिकार मिलना चाहिए. आरएसएस में वही तय करते हैं कि महिलाएं क्या पहनेंगी, कैसे रहेंगी और क्या करेंगी. महिलाओं का पॉलिटिक्स में ज्यादा योगदान होना चाहिए, पर आरएसएस ऐसा नहीं चाहता है.'
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