केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का 'खून की खेती' वाला बयान राज्य सभा की कार्यवाही से हटाया दिया गया है. कृषि मंत्री ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा था, 'खेती के लिए पानी की जरूरत होती है. खून की खेती तो बस कांग्रेस करती है, ये बीजेपी नहीं करती.' इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिेया दी थी. हालांकि बाद में इस बयान पर कृषि मंत्री ने सफाई भी दी.
नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सभा में अपने ‘खून की खेती’ के बयान पर सफाई देते हुए कहा था, ‘वह बयान मैंने इसलिए दिया क्योंकि कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मेरे भाषण के दौरान खून की खेती वाला डॉक्यूमेंट दिखाया था. उसके जवाब में मैंने कहा था कि कांग्रेस खून की खेती करती है. बीजेपी खून की खेती नहीं पानी की खेती करती है.’
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना था कि जिस प्रकार राज्य सभा चल रही है. उसी प्रकार लोकसभा भी चलनी चाहिए. ‘मैं उम्मीद करता हूं कि विपक्ष इस बात को समझेगा और उम्मीद है कि लोकसभा भी चलेगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी और जो भी मुद्दा विपक्ष उठाना चाहता है उठा सकता है.’
दिग्विजय सिंह का पलटवार
नरेंद्र तोमर के ‘खून की खेती’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय ने कहा, ‘जो गोधरा में हुआ, वो पानी की खेती थी या खून की. भाजपा हमेशा नफरत और हिंसा की राजनीति करती आई है. कांग्रेस पार्टी हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलती आई है.’ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर ये सांप्रदायिक दंगे कराएंगे, तभी उनको फायदा होगा. यही कारण है कि कि असदुद्दीन ओवैसी और नरेंद्र मोदी के बीच अच्छी दोस्ती है.
‘कृषि कानून के बारे में पढ़कर आना’
राज्य सभा में कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी. विपक्ष बताए कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के किस प्रावधान में ऐसा लिखा है. उनके इस कथन पर विपक्ष ने आपत्ति जताई. कृषि मंत्री के पंजाब और हरियाणा के कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का उदाहरण देने को लेकर दीपेंद्र हुड्डा से तीखी बहस हुई. बाद में कृषि मंत्री ने हुडा से कहा ‘कृषि कानून के बारे में अगली बार पढ़कर आना.’
हिमांशु मिश्रा