पार्टी के इकलौते सांसद और अब केंद्र में मंत्री, जानिए पूर्व CM मांझी के 44 साल का पॉलिटिकल करियर

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं, लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. उन्हे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. महत्वपूर्ण विभाग है. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.

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जीतनराम मांझी जीतनराम मांझी

कुणाल कौशल

  • पटना,
  • 09 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में नई सरकार का गठन हो गया है जिसमें एनडीए के कई घटक दलों के नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. बिहार से हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के मुखिया और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए हैं. उन्होंने भी राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली है. उन्हे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.

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रविवार को शपथ ग्रहण से पहले ही उन्हें मंत्री बनने के लिए फोन चला गया था. जीतन राम मांझी एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव जीतकर सांसद बने हैं और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी बिहार सरकार में मंत्री हैं, जबकि जीतन राम मांझी पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं.

मांझी के 44 सालों का पॉलिटिकल करियर

जीतन राम मांझी के राजनीतिक करियर की बात करें तो वो पहली बार साल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने थे. इसके बाद मांझी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो लगातार राजनीति में सक्रिय हैं. 

44 साल के अपने पॉलिटिकल करियर में जीतन राम मांझी जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जेडीयू जैसे (2005-2015) दलों में रहे हैं. साल 2015 में जेडीयू से अलग होकर उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का गठन किया. वो पहली बार अस्सी के दशक में ही चुनाव जीतकर चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में मंत्री भी बन गए थे.

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लालू-राबड़ी के दौर में भी मंत्री रह चुके हैं मांझी

इसके बाद मांझी बिंदेश्वरी दुबे , सत्येंद्र नारायण सिन्हा और जगन्नाथ मिश्रा जैसे मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली सरकार में लगातार मंत्रिमंडलों में शामिल रहे और बिहार में अलग-अलग विभाग के मंत्री बने. साल 1996 से लेकर 2005 तक आरजेडी के शासनकाल में भी वो बिहार सरकार में मंत्री बने रहे. 

जीतन राम मांझी उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए थे जब साल 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी जगह जीतन राम मांझी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया.

10 महीने में ही छिन गई थी सीएम की कुर्सी

हालांकि उस वक्त नीतीश कुमार के करीबी और भरोसेमंद रहे जीतन राम मांझी को 10 महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उन पर प्रशासनिक कौशल न होने का आरोप लगा और सीएम पद को लेकर नीतीश कुमार से उनके रिश्ते में भी तल्खी आ गई थी. इसके बाद मांझी ने जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी का गठन किया और अब उनकी पार्टी न सिर्फ बिहार में सत्ता में साझीदार है बल्कि अब केंद्र में भी मांझी मंत्री बन गए हैं.

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13 साल तक टेलीफोन एक्सचेंज में की नौकरी

अब अगर जीतन राम मांझी के शुरुआती करियर की बात करें तो उनका जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया जिले के महकार गांव में एक दलित परिवार में हुआ था. मांझी के पिता रामजीत राम मांझी और माता सुकरी देवी (मुसहर समुदाय) खेतिहर मजदूर थे. बता दें कि उस वक्त उच्च जाति के एक जमींदार से अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें एक शिक्षक ने 7वीं क्लास तक पढ़ाया था.

इसके बाद जीतन राम मांझी ने मगध विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद गया के टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने लगे ताकि परिवार का पेट पाला जा सके. वो 13 सालों तक टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने के बाद भाई के पुलिसकर्मी बनने पर नौकरी छोड़ दी थी और राजनीति में आ गए.

मांझी के बेटे बिहार सरकार में मंत्री

जीतन राम मांझी की शादी शांति देवी नाम की महिला से हुआ था. जीतन राम मांझी इसके बाद दो बेटे और पांच बेटियां के पिता बने. मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी अभी एमएलसी हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी हैं.

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