त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा कि 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा के किसानों को मुक्त कर दिया. आज यहां के किसान आय दोगुनी करने और आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहे हैं. मैं दिल्ली में प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं कि वे त्रिपुरा का दौरा करें और कम्युनिस्टों का असली चेहरा जानने के लिए हमारे किसानों से बात करें. मैं दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों से कम्युनिस्टों के जाल में न आने की अपील करता हूं. माओवादी आपके बीच पहले ही प्रवेश कर चुके हैं और वे किसानों को पार्टी कैडर में बदलने की कोशिश करेंगे जैसे उन्होंने मेरे राज्य में करने की कोशिश की.
पंजाबी अभिनेता गुरप्रीत घुग्गी प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने के लिए सिंधु बॉर्डर पहुंचे.
केंद्रीय कृषि मंत्री से उत्तराखंड के किसानों के मिलने पर किसान नेताओं ने कहा कि मुलाकात करने वाले लोगों का खेती से कोई लेना देना नहीं है. सिंधु बॉर्डर पर किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने वालों में से 90 लोगों का आज खेती से कोई लेना-देना नहीं है. 10 किसान जो बैठक में उपस्थित थे उनके पास अन्य व्यवसाय भी हैं. उन्हें एक राजनीतिक नेतृत्व द्वारा उत्तराखंड से यहां लाया गया है.
किसानों के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. उद्धव ने कहा कि किसान ऐसे सर्द मौसम में दिन-रात बिता रहे हैं, सड़क पर सो रहे हैं. बीजेपी के नेताओं को मिलकर यह तय करना चाहिए कि वे कौन से किसान हैं जो वामपंथी हैं, पाकिस्तानी हैं या वे चीन से आए हैं? आपको एक बात समझने की जरूरत है कि आप हमारे किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं और आप उन्हें राष्ट्रविरोधी कहते हैं? यह हमारी संस्कृति नहीं है. हमारे किसानों से बात करने के बजाय बीजेपी उन्हें पाकिस्तानी, राष्ट्र विरोधी कह रही है. ये वही लोग (बीजेपी) हैं जो पाकिस्तान से चीनी और प्याज ला रहे हैं, तो क्या अब वो पाकिस्तान से किसान भी लाएंगे?
सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हों. हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे.
उत्तराखंड के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से रविवार को मुलाकात की और तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन दिया. इस दौरान कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है. उन्होंने पूरे देश से अपील की है कि उनके समर्थन में 1 दिन का उपवास रखें. मैं भी कल 1 दिन का उपवास रखूंगा. आम आदमी पार्टी के सभी समर्थकों और वालंटियर से अपील करता हूं कि कल 1 दिन का उपवास रखें और किसानों का समर्थन करें. देश के सभी लोगों से अपील करता हूं कि अपने-अपने घरों में किसानों की मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास अपने घरों में रखें.
अपने आंदोलन को लेकर किसान नेताओं की रविवार को बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाको पर अनशन पर बैठेंगे. इन सभी स्थानों पर किसान नेता नेता अनशन पर बैठेंगे.
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने ऐलान किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी कल पार्टी मुख्यालय ITO पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सामूहिक उपवास करेगी.
पंजाब के उप महानिरीक्षक (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा है कि किसान लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, किसी ने उनकी समस्याओं को नहीं सुना. मैं एक अनुशासित बल से हूं और नियमों के अनुसार मैं ड्यूटी पर रहने के दौरान किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन नहीं कर सकता. मुझे अपनी नौकरी के बारे में पहले तय करना है फिर आगे की कार्रवाई तय करनी है.
यूपी के किसानों ने लखनऊ के सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर जाने का फैसला किया है. ये किसान सोमवार को दिन में दो बजे राजनाथ सिंह के आवास पर जाएंगे और राष्ट्रपति के नाम पर अपना ज्ञापन सौंपेंगे. भारतीय किसान यूनियन के चार नेताओं के नेतृत्व में किसान राजनाथ सिंह के आवास पर जाएंगे. ये किसान मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर को भी ज्ञापन सौंपेंगे.
किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध कर रहे हैं. उन्होंने स्वयं पहले इन सुधारों की आवश्यकता को जाहिर किया था. लेकिन हम लोगों को जागरूक करेंगे कि किसानों के लिए ये कृषि कानून कैसे फायदेमंद होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने आज दिल्ली में किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है.
राजस्थान के शाहजहांपुर में हरियाणा बॉर्डर के पास किसानों ने जाम लगा दिया है. इसकी वजह से दिल्ली जयपुर नेशनल हाइवे जाम हो गया है. इसके बाद पुलिस ने बहरोड से वाहनों को डायवर्ट कर दिया है. हाईवे पर भारी संख्या में किसान जमा हो गए हैं. नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया है.
किसान आंदोलन 18 वें दिन पहुंच गया है लेकिन दोनों ओर से गतिरोध बरकरार है. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में पंजाब बीजेपी नेताओं के साथ बैठक बुलाई है. इस बैठक में अश्विनी शर्मा, सोमप्रकाश समेत पंजाब भाजपा के कई नेता शामिल हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया है. जाखड़ ने कहा कि उन्होंने रविवार को इस्तीफा दिया है. लखमिंदर सिंह जाखड़ ने पंजाब के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें समय पूर्व रिटायर माना जाए. लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा कि वे सूचित करना चाहते हैं वे अपने किसान भाइयों के साथ खड़ा होना चाहते हैं जो कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा है कि प्रदर्शन को लेकर जिद पर अडे किसान यूनियन के नेता अप्रसांगिक हो जाएंगे. केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि संभव ये भी है कि ये नेता यूनियन पर अपना नियंत्रण ही खो दें और दूसरे किसान नेता उभर जाएं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो नेता समय रहते हुए फैसले नहीं लेते हैं और नेता रहने के योग्य ही नहीं रह जाते हैं.
जयपुर से किसानों के कूच की खबर से हरियाणा पुलिस सतर्क है. रेवाड़ी के एसपी अभिषेक जोरवाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस राजस्थान पुलिस से लगातार कोआर्डिनेशन बनाकर रखी हुई है. जैसे ही किसान राजस्थान से निकलेंगे उन्हें सूचना मिलेगी.
उन्होंने कहा कि भिवाड़ी और रेवाड़ी ट्रैफिक को डाइवर्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां धारा-144 लगाई गई है. इसलिए उन्हें न तो यहा इकट्ठा होने दिया जाएगा और न ही आगे बढ़ने दिया जाएगा. रेवाड़ी में 3 कंपनी पैरामिलिट्री फ़ोर्स और जिला पुलिस की तैनाती की गई है. वज्र वाहन का भी इतंजाम किया गया है. उन्होंने कहा कि डबल लेयर सिक्योरिटी है और जरूरत पड़ने पर आधे घंटे में बॉर्डर बंद किया जा सकता है.
राजस्थान के शाहजहांपुर में 12 दिन से किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वो स्थान राजस्थान-हरियाणा बार्डर जयसिंहपुर-खेरा के पास है. ये किसान अब दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. किसानों ने कहा ने कहा कि उन्हें राजस्थान और हरियाणा से और किसानों का इंतजार है. जैसे ही किसान आएंगे वे दिल्ली कूच करेंगे.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक नोएडा गाजियाबाद से दिल्ली जाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर है. ट्रैफिक पुलिस ने चिल्ला, आनंद विहार, डीएनसी, अप्सरा और भोपारा बॉर्डर से दिल्ली आ रहे लोगों को अलग रूट लेने की सलाह दी है.
पुलिस के मुताबिक सिंघु, औचंदी, पियू मनियारी और मंगेश बॉर्डर अभी भी बंद हैं. टिकरी और धंसा बॉर्डर पर भी ट्रैफिक मूवमेंट बंद है.
पंजाब से किसानों का दिल्ली आना लगातार जारी है. पंजाब से सिंघु बॉर्डर पहुंचे एक किसान का कहना है कि राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से और किसान आ रहे हैं. 16 दिसंबर को 500 ट्रॉली सिंघु बॉर्डर पहुंच रही है.
कृषि कानून 2020 की वापसी की मांग को लेकर किसान अभी जिद पर अड़े हैं. अलग-अलग किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आंदोलन में दरार पड़ती नजर आ रही है. ऑल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह के बयान की निंदा करते हुए बयान से खुद को अलग कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर- किसान आंदोलन में दरार! AIKSCC ने वीएम सिंह के बयान से किया किनारा, कानून वापसी की मांग पर अड़े
सिघुं बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 18वें दिन में प्रवेश कर गया है. इस बीच रविवार की सुबह किसानों के लिए परेशानी लेकर आई है. दिल्ली में सर्दी बढ़ गई है. दिल्ली के कई स्थानों पर कोहरा छाया हुआ है. सिघु बॉर्डर पर भी आज सुबह सुबह कोहरा और ठंड देखा गया.
किसान नेताओं ने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है. रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे. 14 दिसंबर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे. हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे.
किसान नेताओं ने अपना मांगे न मांगें जाने पर 14 दिसंबर से भूख हड़ताल का ऐलान किया है. किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. संशोधन मंजूर नहीं है. हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं.
किसानों आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार पर हमला किया है. सिद्धू ने ट्वीट कर कहा है कि किसान कोई कर्जमाफी या सब्सिडी नहीं मांग रहे हैं. वे अपने हक की कमाई और उचित कीमतों के लिए लड़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने स्वामिनाथन आयोग के सी2 फार्मूले को लागू करने के बजाय किसान की आय पर कब्जा कर रही है. केंद्र सरकार ने किसानों की आय डबल करने का वादा किया लेकिन उन्हें 6000 रुपये दे दिए यानी कि 500 रुपये हर महीने का लॉलीपॉप पकड़ा दिया.