'12 सांसदों को निलंबित करना सरकार की साजिश थी', कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी बात रखी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी बताया कि आखिर किस साजिश के तहत सांसदों को निलंबित किया गया था.

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शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST
  • जिन सदस्यों को निलंबित किया, वे संसद में एक्टिव रहने वाले नेता थे
  • साजिश के तहत सांसदों को किया गया निलंबित
  • जल्दबाज़ी में, बिना बहस के पास कराए गए बिल

संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी बात रखी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी बताया कि साजिश के तहत सांसदों को निलंबित करने की बात भी कही.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में हम बहुत से मुद्दों को उठाना था, लेकिन सदन के शुरू होते ही हमारे 12 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया. ये सदस्य हमारे युवा नेता थे, बात करने वाले और हमेशा राज्यसभा में एक्टिव रहने वाले लोग थे. हम धरने पर रहे और इसमें सभी विपक्षी दलों ने हमारा साथ दिया. हमने हमेशा इसपर बात करना चाहा, लेकिन सरकार हमेशा माफ़ी मांगने पर अड़ी रही. मैं खुद सभी के तरफ़ से माफी मांगने को तैयार था, लेकिन बात नहीं करने दी गई. 

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12 सांसदों को निलंबित करना सरकार की साजिश थी

हर बिल को दिन में जल्दबाजी में बिना बहस किए ही पास करा देने के पीछे उनकी मंशा क्या थी, इसपर विचार किया तो पता चला कि उत्तरप्रदेश के 68 राज्यसभा सदस्य हैं, दूसरी पार्टियों के 50 और इंडिपेंडेंट 2 हैं, यानी विपक्षी सदस्य 120 हुए. NDA के आंकड़े 118 हैं. बिल पर वोटिंग होगी तो डिविजन पूछे जाने पर वे माइनॉरिटी में होंगे. वे जानते थे कि राज्यसभा में बहुमत उनके पास नहीं है, इसीलिए उन्होंने सांसदो को ससपेंड कर मैजॉरिटी बनाने का काम किया. ये साजिश सरकार की थी.

लखीमपुर खीरी मामले पर बात नहीं करना चाहती सरकार

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते थे कि लखीमपुर खीरी मामले पर अजय मिश्र टेनी को इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन हमारी बात को नहीं सुना गया. हमारा इरादा साफ था. 16 तारीख तक बिना रोकटोक के सदन चली, लेकिन जब से ये मुद्दा आया तब से सदन सही से नहीं चल सकी. हम रोज शून्य काल में मुद्दा उठाते थे, लेकिन लखीमपुर खीरी सुनते ही संसद ठप हो जाती थी. राहुल गांधी ने जब प्रश्नकाल में बोलने की कोशिश की तो उनका माइक ऑफ़ कर दिया गया.

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अयोध्या पर बोले सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अयोध्या का मामला उठाते हुए कहा कि भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं लेकिन उन्हीं की अयोध्या नगरी में बीजेपी ने जमीनों की लूट का धंधा चला रखा है. और हमारे प्रधानमंत्री जी पूरी तरह से मौन धारण किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे दलित भाइयों को भी बख्शा नहीं गया. बीजेपी के एक और समर्थक महेश योगी जी ने महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट के नाम से पहले 21 बीघा जमीन जिसकी कीमत 9-9.50 करोड़ रुपए है, 25 लाख में ट्रस्ट के नाम करवा ली और फिर उसे भी अधिकारियों को बेच दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि 20 लाख की जमीन ढाई करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई. 1250% मुनाफा मात्र 79 दिन में कमा लिया गया. और राम मंदिर ट्रस्ट के अंदर जो करोड़ों भारतीयों का चंदा है उसे लूट लिया गया.

 

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