भारत के इतिहास के संशोधन पर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई. इसमें 'इंडिया स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेन्स' पुस्तक में शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को 'टेर्रोरिस्ट' लिखे जाने का मुद्दा उठा. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को 'टेर्रोरिस्ट अटैक' कहने और लाला लाजपत राय पर हुए हमले के प्रतिशोध को भी 'टेर्रोरिस्ट अटैक' बताने पर बात हुई.