दिसंबर का महीना शुरू हो गया है, लेकिन कई राज्यों में अभी भी कड़ाके की ठंड का इंतजार है. वहीं, दक्षिणी राज्यों में फेंगल तूफान के असर से बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग ने 4 दिसंबर को केरल, माहे और लक्षद्वीप में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. IMD की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान में गिरावट आ सकती है. इसके बाद यहां तेज ठंड पड़ना शुरू होगी. हालांकि, पहाड़ी राज्यों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है.
दिल्ली का मौसम
दिल्ली में अब तक कंपकंपी वाली ठंड शुरू नहीं हुई है. वहीं, कोहरे में भी कमी आई है. मौसम विभाग की मानें तो इस सप्ताह के अंत में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे ठंड बढ़ने की संभावना है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, केरल, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़, तेलंगाना, लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके अलावा उत्तर आंतरिक कर्नाटक, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण कोंकण और गोवा, विदर्भ के कुछ हिस्से और दक्षिण ओडिशा में हल्की बारिश हो सकती है. दिल्ली और एनसीआर का वायु गुणवत्ता स्तर "खराब" श्रेणी में बने रहने की संभावना है.
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तर आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के पास स्थित निम्न दबाव क्षेत्र(चक्रवात फेंगल के अवशेष) पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़कर आज सुबह 5:30 बजे तटीय कर्नाटक और इसके आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर में एक मजबूत निम्न दबाव क्षेत्र में बदल गया. यह अगले दो दिनों के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ते हुए पूर्व-मध्य अरब सागर में पहुंच सकता है.
वहीं, मध्य क्षोभमंडल की पश्चिमी पवनों में एक ट्रफ के रूप में पश्चिमी विक्षोभ दिख रहा है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर 68° पूर्व देशांतर के आसपास और 30° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में फैली हुई है. इसके अलावा एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी बांग्लादेश के ऊपर स्थित है.
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