'कैबिनेट मीटिंग में फैसला, भारतीय सेना से हटाए जाएंगे सिख', फर्जी है ये खबर, दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश की गई. जिससे शांति को भंग हो सकती थी. ऐसा करना धारा 153 ए आईपीसी के तहत अपराध है. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

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पीआईबी फैक्ट चेक के एक ट्वीट से लिया गया स्क्रीनशॉट पीआईबी फैक्ट चेक के एक ट्वीट से लिया गया स्क्रीनशॉट

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST
  • सोशल मीडिया पर सरकार की बैठक का फेक वीडियो वायरल
  • सिख समुदाय को लेकर थी फर्जी खबर

दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले एक फेक वीडियो को लेकर मामला दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर जांच के दौरान ये पाया गया कि कुछ ट्विटर हैंडल द्वारा एक फेक वीडियो को शेयर किया जा रहा है. 

पुलिस के मुताबिक सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद 9 दिसंबर, 2021 को हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक का एक वीडियो सामने आया. उन्होंने बताया कि यह वीडियो तमाम समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आसानी से उपलब्ध था. 

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ऐसे में दुश्मनी को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक वैमनस्य को भड़काने के गलत इरादे से, इस वीडियो में छेड़छाड़ की गई है और एक नया वॉइसओवर लगाया गया है. जिसके जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ थी. 

 

धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश की गई. जिससे शांति को भंग हो सकती थी. ऐसा करना धारा 153 ए आईपीसी के तहत अपराध है. ऐसे में मामले की गम्भीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

इस वीडियो शेयर करने वाले ट्विटर अकाउंट @simrankaur0507 और @eshalkaur1 के हैं. दिल्ली पुलिस ने आम जनता से ये गुज़ारिश की है कि इस तरह के वीडियो पर विश्वास न करें और सोशल मीडिया पर इसे साझा करने से पहले जांच ज़रूर करें. 

 

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