पश्चिम बंगाल में पुलिस ने रविवार को फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने और बांग्लादेशी नागरिकों को इसमें मदद करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान समरेश बिस्वास और दीपक मंडल के रूप में हुई है.
पुलिस के अनुसार, समरेश बिस्वास को उत्तर 24 परगना के बारासात से गिरफ्तार किया गया है जबकि दीपक मंडल को दक्षिण 24 परगना जिले के कोस्टल थाना क्षेत्र से पकड़ा गया है, दोनों के पास से कुल 34 फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट बनाकर देने में शामिल था और इसके लिए प्रत्येक पासपोर्ट के बदले दो लाख रुपये तक वसूलता था.
2-2 लाख रुपये में बना रहा था नकली पासपोर्ट
समरेश इससे पहले भी एक अन्य फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार हो चुका है. पुलिस ने समरेश के बेटे राणा को भी गिरफ्तार किया है. आरोपियों को जब अदालत में पेश किया गया, तो उन्हें 20 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस गिरोह के साथ और कौन लोग जुड़े हुए हैं. फर्जी दस्तावेज बनाने और उनकी सहायता से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश दिलाने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. पुलिस ने इस नेटवर्क को तोड़ने और इसके पीछे के मुख्य सरगना तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है.
यह कार्रवाई भारत की सुरक्षा और वैध दस्तावेजों की साख को बनाए रखने के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. पुलिस ने इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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