त्रिपुरा के गोमती ज़िले में शनिवार को एक महिला का अधजला शव मिला. महिला के पति ने आरोप लगाया कि स्थानीय बीजेपी विधायक के साथियों द्वारा हमला किए जाने के बाद उसने आत्महत्या कर ली. एक एजेंसी के मुताबिक काकरबन थाना क्षेत्र के मिर्ज़ा में हुई यह घटना एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है. जिसके बाद एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. वित्त मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
शनिवार देर रात फेसबुक पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा: "मिर्ज़ा घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों को कानून के अनुसार न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. इस संबंध में चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है."
यह भी पढ़ें: धर्म छुपाकर फंसाया, बेंगलुरु ले जाने की थी साजिश! अगरतला में मानव तस्करी की कोशिश नाकाम
उदयपुर की एसडीपीओ देबांजलि रे ने कहा कि महिला का शव सुबह-सुबह मिला. उन्होंने कहा, "शुरुआत में हमने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था. बाद में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया. हमने जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर बीएनएस के तहत और धाराएं जोड़ी जाएगी."
महिला के पति ने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात बीजेपी के काकरबन-सालगढ़ विधायक जितेंद्र मजूमदार के भतीजे मन्ना मजूमदार समेत तीन लोगों ने उन पर और उनकी पत्नी पर बुरी तरह हमला किया. इसके बाद हम शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गए, लेकिन उन्होंने शिकायत लेने से इनकार कर दिया.
हम घर लौट आए और हमेशा की तरह अलग-अलग सोने चले गए. सुबह मेरी पत्नी का अधजला शव पास की सड़क पर मिला. मन्ना मजूमदार और उसके दो साथी मेरी पत्नी की मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. वहीं इस बारे में विधायक ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह जोड़ा इलाके में बीजेपी सदस्यों के रूप में जाना जाता था.
वित्त मंत्री शाम को पीड़िता के घर गए और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलेगी, चाहे वे कोई भी हों. पुलिस ने बताया कि उन्होंने काकरबन थाने के सहायक उप-निरीक्षक संजय सरकार को "लापरवाही" के आरोप में निलंबित कर दिया है.
aajtak.in