जब देश के लोग टीवी पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह को ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते देख रहे थे, तब संसद के अंदर कुछ और ही चल रहा था. भाषणों के अलावा नेताओं के हावभाव, चुप्पी और अचानक हुए विरोध असली कहानी बता रहे थे. लोकसभा की मीडिया गैलरी से जो कुछ दिखा, वह भाषणों से परे था. शशि थरूर की मेज थपथपाकर की गई सहमति, प्रियंका गांधी का चुपचाप नोट्स लेना और अखिलेश यादव की जोश भरी एंट्री... ये सब इस बहस के वो पल थे जो कैमरे में तो थे, लेकिन ज़्यादा चर्चा में नहीं आए.
शशि थरूर की बीजेपी को सूक्ष्म सहमति
अमित शाह जब पाकिस्तान को करारा जवाब दिए जाने की बात कर रहे थे, तब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी मेज थपथपाकर उनकी बात का समर्थन किया. यह दृश्य इसलिए खास था क्योंकि हाल ही में थरूर ने सरकार की ओर से कूटनीतिक स्तर पर पहल की थी और उनकी खुद की पार्टी यानी कांग्रेस ने उन्हें नजरअंदाज किया था. दिलचस्प बात यह रही कि थरूर कांग्रेस सांसदों के बीच ही बैठे थे, पर गृह मंत्री के विचारों का समर्थन कर रहे थे.
अखिलेश यादव की संख्या बल के साथ एंट्री
गृह मंत्री के भाषण के लगभग दस मिनट बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पूरे दल-बल के साथ लोकसभा में दाखिल हुए, हालांकि डिंपल यादव उनके साथ नहीं थीं. उन्होंने आते ही अपने टैबलेट पर काम शुरू कर दिया और पाकिस्तान का जिक्र होते ही खड़े होकर सवाल दागा- 'पाकिस्तान आपका है?'
इस पर गृह मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, 'आपकी बात होती है क्या पाकिस्तान के साथ?'
इसके बाद पाकिस्तान के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया. सदन में ये बात स्पष्ट हो गई कि विपक्ष में सबसे पहले खड़े होने वाले सांसद अखिलेश थे, जो 37 सांसदों के साथ अपनी ताकत दिखा रहे थे.
प्रियंका गांधी की मौन रणनीति और राहुल गांधी की अनुपस्थिति
गृह मंत्री जैसे ही सरकार की उपलब्धियों की बात करने लगे, मीडिया गैलरी से प्रियंका गांधी पर नजर गई. लाल साड़ी, चश्मा लगाए, वो पूरी गंभीरता से नोट्स ले रही थीं, जैसे कोई छात्र परीक्षा से पहले तैयारी कर रहा हो.
जब अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के आतंकियों के पास पाकिस्तान के वोटर ID और पाकिस्तानी चॉकलेट मिले, प्रियंका ने खड़े होकर नारेबाजी भी की. इस दौरान राहुल गांधी लोकसभा में नहीं थे, और प्रियंका ने मोर्चा संभाला. इतना कि अमित शाह को स्पीकर से कहना पड़ा- 'माननीय महोदय, इनको कहिए कि बैठ जाएं.'
अमित शाह बनाम पी चिदंबरम: दो गृहमंत्रियों की टक्कर
अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का ज़िक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा,
'आप लोग पूछते हैं युद्ध क्यों नहीं करते? युद्ध का असर क्या होता है, मैं इतिहास का छात्र हूं, मैं जानता हूं.'
उन्होंने पूछा कि जब कांग्रेस इतने लंबे समय तक सत्ता में रही, तो उन्होंने PoK क्यों नहीं लिया? ना रहता बांस, ना बजती बांसुरी.
अमित शाह ने यह भी कहा, चिदंबरम (पूर्व गृह मंत्री) बार-बार क्यों कह रहे हैं कि आतंकी पाकिस्तानी नहीं थे?' इस पर चिदंबरम के बेटे खड़े हो गए और सरकार पर पलटवार किया.
गौरव गोगोई, मणिकम टैगोर, केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस नेता शोर मचाते दिखे, जबकि प्रियंका फिर से नोट्स लेने में जुटी थीं. शाह ने दोहराया, 'ज़ोर से बोलने से सत्य नहीं बदलता.'
सोनिया गांधी पर हमला और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
अमित शाह ने कहा कि एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बताया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर की फुटेज देखकर सोनिया गांधी रो पड़ी थीं. सोनिया का नाम आते ही कांग्रेस भड़क गई. वेणुगोपाल, टैगोर, गोगोई जोर-जोर से चिल्लाने लगे. कांग्रेस सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और ‘प्रूफ दिखाओ’ की मांग की.
प्रियंका ने एक कांग्रेस सांसद से बात की, वह बाहर जाकर एक वीडियो लेकर आए, फिर मोबाइल में कुछ दिखाने लगे. संभवतः वही सलमान खुर्शीद का वीडियो जिसका शाह ने जिक्र किया था. प्रियंका ने वीडियो देखा, सिर हिलाया और दोबारा नोट्स लेने लगीं.
राहुल गांधी की अनुपस्थिति पूरे समय खलती रही. केसी वेणुगोपाल राहुल की शैली में हाथ फैलाकर बैठे थे, लेकिन विपक्ष की बागडोर परिनीति शिंदे, टैगोर और गोगोई जैसे नेता संभालते दिखे. गृह मंत्री का भाषण भाजपा सांसदों के 'हर हर महादेव' के नारों के साथ समाप्त हुआ, जिसने लोकसभा को गूंजा दिया.
ऐश्वर्या पालीवाल