पंजाब में हाल ही में दस हजार पुलिस बलों का ट्रांसफर किया गया था. इसको लेकर अब विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि क्या 10,000 पंजाब पुलिस कर्मियों का तबादला ड्रग माफिया से संबंधों के कारण किया गया है या हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों की मदद करने की वजह से किया गया है.
पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर मामले में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए तरुण चुघ ने कहा कि इस गंभीर मामले में पंजाब को गुमराह करना मुख्यमंत्री की तरफ से अत्यधिक "गैर-जिम्मेदाराना" है.
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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि डीजीपी ने भी मुख्यमंत्री मान के रुख का खंडन किया है और कहा कि ट्रांसफर नियमित तरीके से किए गए थे और उनका ड्रग माफिया से कोई लेना-देना नहीं था.
विपक्षी दलों के समर्थन पर तबादले का आरोप
कांग्रेस और बीजेपी के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि पुलिस कर्मियों के तबादले इसलिए किए गए हैं क्योंकि 10,000 पुलिसकर्मियों ने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की मदद नहीं की और इसके बजाय अन्य राजनीतिक दलों का समर्थन किया था.
नशा तस्करों से संबंधों का सीएम ने लगाया आरोप
तरुण चुघ ने कहा, "पुलिस बल के खिलाफ इस तरह के आरोप निश्चित रूप से सीमावर्ती राज्य में पूरे पुलिस बल का मनोबल गिराने वाला है. इसके लिए मुख्यमंत्री अकेले जिम्मेदार हैं." उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि मुख्यमंत्री ने 10,000 पुलिसकर्मियों पर नशा तस्करों से संबंधों का आरोप लगाया है.
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सीएम स्वीकार करें नैतिक जिम्मेदारी- तरुण चुघ
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया, "सच्चाई यह है कि सभी नशा माफिया राज्य में अपना कारोबार बेखौफ चलाने के लिए आप सरकार के संरक्षण का लाभ उठा रहे हैं." तरुण चुघ ने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में नशे पर अंकुश लगाने में अपनी विफलता के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए.
अमन भारद्वाज