दिल्ली में ‘मद्रासी कैंप’ पर चला बुलडोजर, तमिल मूल के लोगों को घर वापसी में मदद करेगी तमिलनाडु सरकार

दिल्ली के जंगपुरा इलाके में मद्रासी कैंप में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए रविवार को बुलडोजर कार्रवाई हुई. बरापुला नाले के किनारे बसे इस झुग्गी-बस्ती में अतिक्रमण मानसून में जलभराव और यातायात बाधित कर रहा था.

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तमिल मूल के लोगों के लिए तमिलनाडु सरकार बनी सहारा (फोटो क्रेडिट - पीटीआई) तमिल मूल के लोगों के लिए तमिलनाडु सरकार बनी सहारा (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)

अनघा

  • चेन्नई,
  • 01 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

देश की राजधानी नई दिल्ली में दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर रविवार को जंगपुरा इलाके स्थित मद्रासी कैंप में अवैध निर्माण पर प्रशासन का बुलडोजर एक्शन हुआ. कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे. 

मद्रासी कैंप दक्षिण दिल्ली में निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास स्थित है. यह मद्रास झुग्गी बरापुला नाले के किनारे बसी है. इस झुग्गी-बस्ती में लंबे समय से तमिल मुल के लोग रह रहे थे. 

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दिल्ली में बुलडोजर एक्शन के बाद तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की है कि तमिल मूल के लोग जिनके घर टूट गए हैं और वह आपस आना चाहते हैं तो उनकी मदद की जाएगी. 

तमिलनाडु सरकार ने दिल्ली स्थित तमिलनाडु भवन को निर्देश दिया है कि इन लोगों की हर संभव मदद की जाए. उनके आजीविका संबंधी समस्याओं में मदद करें. साथ ही वापसी और पुनर्वास के लिए कॉर्डिनेट करें. 

क्या हो रहा है अब?

रविवार को झुग्गी-बस्ती में कार्रवाई करते हुए अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया. कुल 370 झुग्गियों में से 215 निवासी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) द्वारा आवास दिए जाने के लिए पात्र पाए गए. बाकी के लोग पुनर्वास के लिए पात्र नहीं हैं.   

यह भी पढ़ें: दिल्ली: जंगपुरा में अतिक्रमण पर गरज रहा बुलडोजर... हटाई जाएंगी मद्रासी कैंप की 370 झुग्गियां

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क्यों की गई कार्रवाई?

मद्रासी कैंप की वजह से बरापुला नाले का बहाव में बाधा आ रही थी. मानसून के समय तो हाल बुरा हो जाता था. भारी जल जमाव की समस्या बढ़ जाती थी. यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो जाती. दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 मई को सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए तोड़फोड़ का रास्ता साफ कर दिया था. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मद्रासी कैंप के निवासी सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करने वाले हैं और उन्हें पुनर्वास के अधिकार के अलावा कोई अन्य अधिकार प्राप्त नहीं है.

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