चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया था. आयोग के इस फैसले के बाद बुधवार को शरद पवार ने नई पार्टी के लिए तीन नामों और चुनाव चिह्न का प्रस्ताव रखा है.
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी की कमान छिनने के बाद शरद पवार चाय का कप थाम सकते हैं. उन्होंने चाय के कप के अलावा सूर्यमुखी के फूल और उगते सूरज को चुनाव चिह्न के तौर पर अपनाने का प्रस्ताव रखा है. वही, नई पार्टी के नाम के तौर पर शरद पवार कांग्रेस, मी राष्ट्रवादी और शरद स्वाभिमानी पक्ष नाम से तीन विकल्प सुझाए हैं.
बता दें कि चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नई पार्टी का नाम और निशान तय करने के लिए विकल्प सुझाने हेतु बुधवार शाम तक की समयसीमा दी थी.
अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल क्या बोले?
अजित गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमें खुशी है कि चुनाव आयोग ने हमें मान्यता दी. छह महीनों की अनिश्चितता के बाद आखिरकार हमें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न मिल गया. शिवसेना की दोफाड़ से हमारी तुलना करना गलत है. हमारे विरोधी कुछ भी कह सकते हैं कि हम दबाव में एजेंसियों के आगे झुक गए लेकिन ये गलत है.
ये पूछने पर कि आपके प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं कि शरद पवार के साथ सहानुभूति हैं तो इस पर पटेल ने कहा कि मुझे तो पता नहीं किसी लहर का, लेकिन हां दिल्ली में जरूरत शीतलहर चल रही है. हम एनडीए के साथ मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. अभी तक सीटों को लेकर बातचीत नहीं हुई है लेकिन अब समय आ गया है. हम जल्दी ही सब तय करेंगे.
चुनाव आयोग ने अजित गुट को माना था असली NCP
चुनाव आयोग ने मंगलवार को शरद पवार गुट को झटका देते हुए अजित गुट को ही असली एनसीपी बताया था. आयोग ने कहा था कि सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए अजित गुट ही असली एनसीपी है.
चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ ही अजित पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया. आयोग ने सभी दस्तावेजी सबूतों का विश्लेषण कर कहा था कि स्पष्ट है कि अजित गुट का पार्टी और पार्टी के अलावा संगठन पर वर्चस्व है. उनके गुट के लोग भी ज्यादा हैं. इस वजह से पार्टी का नाम और निशान दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं.
चुनाव आयोग ने फैसले में क्या कहा?
चुनाव आयोग ने शरद पवार बनाम अजित पवार गुट मामले में 147 पेजों का आदेश दिया है. इस आदेश में आयोग ने दोनों गुटों की तमाम बातों और सबूतों का विश्लेषण किया है. आयोग ने सभी दस्तावेजी सबूतों का विश्लेषण कर कहा है कि इससे स्पष्ट है कि अजित गुट का पार्टी और पार्टी के अलावा संगठन पर वर्चस्व है. उनके गुट के लोग ज्यादा भी हैं. इस वजह से पार्टी का नाम और निशान दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं.
महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव के मद्देनजर शरद पवार गुट को चुनाव आचरण नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी. उन्हें बुधवार शाम चार बजे तक नई पार्टी गठन के लिए तीन नाम देने को कहा गया है.
कैसे हुई थी एनसीपी दो फाड़?
पिछले साल अजित पवार ने बगावत करते हुए एनसीपी दो फाड़ कर दी थी. उन्होंने महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया था. अजित के साथ कई विधायक भी सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद अजित ने पार्टी पर अधिकार का दावा किया था और अपने गुट को असली एनसीपी बताया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी अजिट गुट को असली एनसीपी करार दे दिया था. इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वहीं अब चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही असली एनसीपी बताते हुए शरद पवार को बड़ा झटका दिया है.
संजय शर्मा / राहुल गौतम