श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव का दूसरा दिन बुधवार, 4 जून 2025 को धार्मिक अनुष्ठानों के साथ शुरू हो गया है. इस दिन विभिन्न पूजन, हवन और संस्कार किए जाएंगे जो 5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आधार तैयार करेंगे. राम मंदिर परिसर में निर्मित 21 छोटे-छोटे मंदिरों में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनकी प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 5 जून को संपन्न होगा.
बुधवार सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के दूसरे दिन के अनुष्ठान शुरू होंगे. इस दौरान वेदी पूजन, षोडश मात्रिका, सप्त मात्रिका, योगिनी पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, सर्वतोभद्र पूजन, नवग्रह पूजन, यज्ञकुंड संस्कार, अरणि मंथन, और यज्ञकुंड में अग्नि स्थापन जैसे महत्वपूर्ण कर्मकांड किए जाएंगे. इसके बाद कुश कंडिका, प्रणिता प्रोक्षनी स्थापन और अग्नि सिंचन के साथ पंच वारुणी हवन संपन्न होगा.
दिन के अन्य अनुष्ठानों में अन्नाधिवास, हवन, देवस्नान, प्रसाद स्नान, शिखर स्नान, नगर भ्रमण, शैय्याधिवास, और न्यास जैसे कर्मकांड शामिल हैं.
इसके पश्चात पीठ पर स्थापित देवताओं का आह्वान और पूजन होगा, जिसके बाद मूर्तियों के संस्कार की विधि शुरू होगी. इस दौरान भक्तों के दर्शन में किसी प्रकार की रोकटोक नहीं होगी, जिससे श्रद्धालु निर्बाध रूप से मंदिर में दर्शन कर सकेंगे.
5 जून को होगी प्राण प्रतिष्ठा
5 जून को आयोजित होने वाला मुख्य समारोह अयोध्या के साथ-साथ पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक होगा. इस दिन राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ मंदिर परिसर के परकोटे में बने 21 छोटे मंदिरों में स्थापित देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. प्राण प्रतिष्ठा का ये कार्यक्रम पूरी तरह से निजी और सीमित लोगों की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा. समारोह का आयोजन संक्षिप्त रखा गया है. सवा सौ यज्ञाचार्य, आचार्य उपस्थित रहेंगे. साथ ही सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में आयोजन का प्रतिनिधित्व करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद देवताओं का पूजन, प्राण प्रतिष्ठा, पूजन और भोग आरती होगी.
कहां-कहां स्थापित होंगी प्रतिमाएं
महाआयोजन के पहले दिन पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, यज्ञ मंडप पूजन, ग्रह योग, अग्निस्थापन, वन, कर्म कुटी, जलाधिवास अनुष्ठान हुए. इस अनुष्ठान की शुरुआत श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम दरबार समेत सभी मंदिरों में स्थापित मूर्तियों के शुद्धिकरण की प्रक्रिया से आरंभ हुई. प्राण प्रतिष्ठा का ये अनुष्ठान काशी का यज्ञाचार्य जयप्रकाश की अगुवाई में 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न हुआ.
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का ये उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वैभव को भी दर्शाता है. यह अनुष्ठान राम मंदिर के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा जो लाखों रामभक्तों के लिए आस्था और गर्व का प्रतीक है.
आने वाले दिनों में अयोध्या में यह धार्मिक आयोजन न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी ध्यान आकर्षित करेगा. भक्तों की नजरें अब 5 जून के मुख्य समारोह पर टिकी हैं, जब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ यह पवित्र अनुष्ठान पूर्ण होगा.
समर्थ श्रीवास्तव