राजनीतिक हिंसा में कटे पैर, लेकिन हौसला नहीं टूटा... जानें कौन हैं सदानंदन मास्टर, जिन्हें BJP ने राज्यसभा भेजा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया है. केरल के कन्नूर के पेरिनचेरी गांव के रहने वाले सदानंदन मास्टर ने 30 साल की आयु में राजनीतिक हिंसा में अपने दोनों पैर खो दिए, फिर भी वे कृत्रिम पैरों के सहारे समाज सेवा जारी रखी.

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लेफ्ट से राइट तक की राह तय करने वाले नेता की अब राज्यसभा में एंट्री (Photo:PTI) लेफ्ट से राइट तक की राह तय करने वाले नेता की अब राज्यसभा में एंट्री (Photo:PTI)

शिबिमोल

  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए सी. सदानंदन मास्टर को नॉमिनेट किया है. वह एक महशूर शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रवादी विचारक हैं. उनका जीवन, 'एक जीवन, एक मिशन’ की भावना के साथ राष्ट्र सेवा को समर्पित है. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश सेवा और समाज के भले के लिए जी है. 

जब वे 30 साल के थे तो एक राजनीतिक हिंसा में उनका दोनों पैर गंवाने पड़े. हालांकि इसके बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा. आज भी वो कृत्रिम (आर्टिफिशियल) पैरों से चलकर समाज और देश के लिए काम कर रहे हैं. 

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शिक्षा और करियर

सदानंदन का जन्म 1 मई 1964 को केरल के कन्नूर ज़िले के एक गांव पेरिनचेरी में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव की स्कूल में ही की. इसके बाद उन्होंने बी.कॉम की डिग्री ली और असम जाकर बीएड किया. उन्होंने टीचर के तौर पर अपना करियर की शुरुआत की. 1992 में उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. वे त्रिशुर जिले में एक स्कूल में सोशल साइंस पढ़ाते थे. 2020 में उन्होंने शिक्षक के तौर पर रिटायरमेंट ली. 

शिक्षक के अलावा उन्होंने मीडिया में भी काम किया. एक अखबार में भी उन्होंने काम किया. तो उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर का काम भी किया. 

यह भी पढ़ें: सदानंदन मास्टर, "सदानंदन मास्टर, मीनाक्षी जैन... कौन हैं वो 4 चेहरे जिन्हें राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिया किया मनोनीत

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शुरू से ही उनका दिल समाज के लिए धड़कता है. जब वो 17 साल के थे तो उन्होंने समाज सेवा का काम करना शुरू कर दिया. वे कई देशभक्त संगठनों से जुड़े और युवाओं को देश के लिए कुछ भी कर जाने के लिए प्रेरित करते थे. इतना ही नहीं उन्होंने एक संगठन के अध्यक्ष बने जो कि मानसिक रूप से कमजोर लड़कियों की देखभाल करती है. 

उन्होंने देशभक्ति और लोगों के बीच संस्कार को लेकर कई लेख भी लिखे. वे छात्रों के लिए कैंप लगाते थे और उन्हें अच्छा इंसान बनने की सीख देते थे. 

पुरस्कार जो उन्हें मिले

  1. सेवा पुरस्कार – 2010
  2. के.टी. जयकृष्णन मास्टर अवॉर्ड – 2019
  3. वीर सावरकर अवॉर्ड – 2020
  4. महावीर शांति राष्ट्रीय पुरस्कार – 2022

विचार, आदर्श और परिवार

1984 में सदानंदन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ज्वाइन किया था. फिर इस संगठन में कई पदों पर रहे और लोगों को देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी.

उनके रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद और डॉ. हेडगेवार हैं. उनके पत्नी भी शिक्षक रह चुकी हैं. उनकी एक बेटी है - यमुनाभारती, जिन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की है. 

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