राजस्थान का अगला CM कौन होगा, यह सोनिया-राहुल और खड़गे तय करेंगे- सचिन पायलट

सचिन पायलट ने कहा कि सरकार रिपीट होने की स्थिति में विधायक दल मुख्यमंत्री तय करेगा. इसके अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे गुट तय करेगा कि कौन सीएम होगा? उन्होंने कहा, गहलोत और पायलट गुट मुख्यमंत्री तय नहीं करेंगे.

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सचिन पायलट (फाइल फोटो- पीटीआई) सचिन पायलट (फाइल फोटो- पीटीआई)

चंद्रशेखर शर्मा

  • जयपुर,
  • 12 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दावा किया है कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, ये सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तय करेंगे. गहलोत या पायलट गुट इसे तय नहीं करेंगे. इतना ही नहीं पायलट ने कहा कि किसी भी तरह की गुटबाजी से कांग्रेस को नुकसान होगा. 

सचिन पायलट ने कहा कि सरकार रिपीट होने की स्थिति में विधायक दल मुख्यमंत्री तय करेगा. इसके अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे गुट तय करेगा कि कौन सीएम होगा? उन्होंने कहा, गहलोत और पायलट गुट मुख्यमंत्री तय नहीं करेंगे. कार्यकर्ताओं और समर्थकों को समझना होगा कि हमारी पहली प्राथमिकता कांग्रेस की सरकार लाया है. गुटबाजी से कांग्रेस को नुकसान होगा. हमें आगे बढ़ने के लिए इन्हें दरकिनार करने की जरूरत है. 

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राजस्थान में तल्खी खत्म करने में सफल रही कांग्रेस

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. कुछ समय पहले ये तल्खी काफी हद तक बढ़ गई थी. यहां तक कि सीएम गहलोत ने पायलट को निकम्मा, नकारा, गद्दार तक कह दिया था. पायलट भी अपनी ही पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को लेकर धरने पर बैठ गए, पदयात्रा निकाली. हालांकि, कांग्रेस चुनाव से पहले गुटबाजी को काफी हद तक खत्म करने में सफल रही. कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट को संतुष्ट करने के लिए ये ऐलान कर दिया कि हम चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा आगे किए बिना जाएंगे. दोनों नेताओं से एकजुट होकर चुनाव मैदान में जाने और बयानबाजियां तत्काल रोकने को कहा. इतना ही नहीं हाल ही में पायलट को साधने के लिए उन्हें वर्किंग कमेटी में भी जगह दी गई थी. 

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2018 से चला आ रहा था विवाद

राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी वर्चस्व की यह जंग 2018 के चुनाव के बाद से ही चली आ रही है. नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. सचिन पायलट तब प्रदेश अध्यक्ष थे. इस चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी. ऐसे में मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेता अड़ गए.

 - पायलट कांग्रेस अध्यक्ष होने और बीजेपी के खिलाफ पांच सालों तक संघर्ष करने के बदले मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावेदारी जता रहे थे तो अशोक गहलोत ज्यादा विधायकों का अपने पक्ष में समर्थन होने और वरिष्ठता के आधार पर अपना हक जता रहे थे. पार्टी अलाकमान ने गहलोत को सीएम की कुर्सी पर बैठाया. वहीं, पायलट समर्थकों का दावा है कि सीएम के लिए ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय हुआ था.

- सरकार बनने के साथ ही गहलोत-पायलट के बीच मनमुटाव की खबरें आने लगीं. जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर बगावत भी कर दी थी. जुलाई 2020 को सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त कर दिया गया. हालांकि, बाद में प्रियंका गांधी के दखल के बाद पायलट की नाराजगी दूर हुई.
 
- बीते साल जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे तो इस पद के लिए अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे था. ऐसे में कहा जाने लगा था कि अगर गहलोत पार्टी अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान की कमान सचिन पायलट को दी जा सकती है, लेकिन इस दौरान गहलोत ने अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और राज्य के सीएम बने रहे. इसके बाद से पायलट भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरते रहे. तो वहीं, गहलोत बगावत के मुद्दे पर सचिन को घेरने से नहीं चूके. हालांकि, बाद में कांग्रेस नेतृत्व के दखल के बाद ये विवाद थमा. 

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