भारतीय रेलवे ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 157 रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकास और आधुनिकीकरण के लिए चिह्नित किया है, जो पूरे देश में किसी भी राज्य से अधिक है. देशभर में कुल 1,337 स्टेशन चुने गए हैं, जिनमें से 11% से ज्यादा सिर्फ उत्तर प्रदेश के हैं. वजह साफ है कि यूपी में सबसे ज्यादा रेलवे स्टेशन (1,100 से अधिक) हैं और यहां हर महीने 2.5 करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेन से सफर करते हैं.
रेलवे के मुताबिक, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 157 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है. इनमें से 48 स्टेशन पश्चिमी और उत्तरी उत्तर प्रदेश में हैं. इन स्टेशनों में मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बुलंदशहर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजियाबाद, मेरठ सिटी, मोदीनगर, रामघाट, बिजनौर, धामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, पीलीभीत और बरेली जैसे स्टेशन भी शामिल हैं. वहीं, बड़े स्टेशनों की बात करें तो लखनऊ सिटी, गोरखपुर, वाराणसी कैंट, मथुरा जंक्शन
समेत कई स्टेशन शामिल हैं.
आधुनिक रेलवे स्टेशनों में क्या सुविधाएं मिलेंगी?
यूपी में रेलवे का जबरदस्त विकास
रेल मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत के रेल नक्शे का दिल है. यहां जितना निवेश और विकास हो रहा है, उससे यात्रियों को बहुत सुविधा मिलेगी और माल ढुलाई भी तेज हो जाएगी. अब गांव के छोटे स्टेशन भी एयरपोर्ट जैसे चमकने वाले हैं. यूपी के लोग बहुत जल्द अपने स्टेशन को बिल्कुल नया और शानदार देखेंगे.
बता दें कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में जानकारी दी थी कि यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए रेलवे ने कई स्टेशनों पर 154 लिफ्ट और 156 एस्केलेटर लगाए हैं. इस समय उत्तर प्रदेश के 771 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि राज्य में अभी 34 वंदे भारत एक्सप्रेस और 26 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हो रही हैं, जिनकी मदद से यात्रियों को उच्च-गुणवत्ता वाली यात्रा का विकल्प मिल रहा है.
मंजीत नेगी