कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को एक बार फिर अमृतसर के गोल्डन टेंपल पहुंचे. यहां उन्होंने लंगर घर में महिलाओं के साथ सब्जी काटी और लहसुन छीला, फिर जूठे बर्तन धोए. हॉल में जाकर लंगर बांटा. इसके बाद श्रद्धालुओं के जूते संभालने की सेवा भी की. वहीं राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने सवाल भी उठाए हैं. SGPC ने कहा कि ये पश्चाताप नहीं है.
राहुल गांधी इससे पहले सोमवार को भी गोल्डन टेंपल पहुंचे थे. यहां उन्होंने देर रात तक सेवा की थी. इस दौरान उन्होंने काफी समय तक पानी की सेवा की. लोग खुद करीब जाकर उनसे बात भी कर रहे थे और पानी भी ले रहे थे.
SGPC महासचिव गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि राहुल गांधी यहां पश्चाताप करने आए या राजनीति, इसका जवाब जरूर दें. जब राहुल गांधी यहां आए हैं तो उन्हें जरूर दिखाई दिया होगा कि ये अकाल तख्त है. उन्हें देखना चाहिए था कि जहां वो नतमस्तक हुए हैं, वहां जो ग्रंथी था, उसको गोली से शहीदी मिली थी और गुरुग्रंथ साहिब के बीच गोली लगी थी. ये तस्वीर उनको देखनी चाहिए थी कि मेरी दादी ने जिसे ढहा दिया था, लेकिन ये अभी भी वैसे ही खड़ा हुआ है.
'पिता-दादी के कार्यों को जस्टिफाई करें या माफी मांगें'
SGPC महासचिव ने कहा, उनके पिता ने सिखों के कत्लों को जस्टिफाई किया. इस बात का जवाब उनको देना चाहिए क्योंकि वो गुरुद्वारा साहिब में आए हैं, उनकी मंशा क्या है, ये या तो वो जानते हैं या फिर गुरु साहिब जानते हैं. इसका जवाब जरूर देना चाहिए. उनके पिता और दादी ने जो किया, वो जस्टिफाई करें नहीं तो उनका कहना चाहिए कि उनकी दादी ने गलत किया. मेर पिता ने गलत किया. उनकी इस सेवा को पश्चाताप नहीं कहा जा सकता.
विधवाओं की बस्ती में क्यों नहीं गए?- SGPC महासचिव
एसजीपीसी महासचिव ने कहा कि उनके पिता राजीव गांधी को मारने वाली नलिनी से मिलने के लिए प्रियंका गांधी जेल जा सकती हैं, लेकिन क्या राहुल गांधी विधवाओं की बस्ती में गए हैं, जहां दिल्ली में कत्लेआम हुआ क्योंकि सिख सिर्फ 2 प्रतिशत हैं, नलिनी हिंदू थी और उनका वोट बैंक उन्हें चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कभी बोला कि उनके साथ कुर्सियों में बैठने वाले माकन और जगदीश टाइटलर कातिल हैं. ऐसे में राहुल गांधी ने जो नहीं बोला, वह राजनीति थी. सेवा करना ना राजनीति है और ना ही पश्चाताप.
अमित शर्मा