रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान अब से चंद घंटे बाद भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. पुतिन भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के मौके पर भारत आ रहे हैं. वह 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. भारत की ज़मीन पर कदम रखते ही, पुतिन स्पेशल सिक्योरिटी कवर के बीच आ जाएंगे. उनका यह दौरा 4 और 5 दिसंबर को होगा.
पुतिन विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच कई एग्रीमेंट डील होने की उम्मीद है. पीएम नरेंद्र मोदी के इनविटेशन पर पुतिन भारत आ रहे हैं और रूसी लीडर के यूक्रेन के खिलाफ़ जंग शुरू करने के बाद यह उनका पहला विज़िट है. बातचीत के बाद बड़े ऐलान और एग्रीमेंट पर साइन होने की उम्मीद है, जिसके बाद एक जॉइंट मीडिया स्टेटमेंट जारी किया जाएगा.
भारत और रूस के बीच कई अहम डील्स होने की उम्मीद है.
इकोनॉमिक फोकस: ट्रेड डेफिसिट, 2030 रोडमैप...
रूसी डिप्लोमेट उशाकोव ने कहा कि PM मोदी और पुतिन बढ़ते ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर डिटेल में बात करेंगे, जिसमें 2024 में बाइलेटरल ट्रेड 12 परसेंट बढ़कर USD 63.6 बिलियन हो जाएगा. रूस बढ़ते ट्रेड इम्बैलेंस पर भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है और उसने बाइलेटरल ट्रांज़ैक्शन को बाहरी दबाव से बचाने के लिए मैकेनिज्म का प्रस्ताव दिया है.
एक बड़ा डिलिवरेबल 2030 तक रूसी-भारतीय इकोनॉमिक कोऑपरेशन के स्ट्रेटेजिक एरिया के डेवलपमेंट का प्रोग्राम होने की उम्मीद है. इसके साथ ही ट्रेड, एनर्जी, एग्रीकल्चर, हेल्थ और मीडिया को कवर करने वाले सेक्टोरल एग्रीमेंट भी होंगे. इसमें एसयू 57, माड्यूलर रिएक्टर, एनर्जी कॉर्पोरेशन, ऑयल और सिक्योरिटी डील कॉर्पोरेशन से जुड़े जैसे समझौते होने की उम्मीद है.
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मॉस्को में इंटरगवर्नमेंटल कमीशन की अगस्त मीटिंग में इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन, इनोवेटिव टेक्नोलॉजी, माइनिंग, ट्रांसपोर्ट लिंक, स्पेस, हेल्थकेयर और लेबर मोबिलिटी जैसे बड़े चल रहे प्रोजेक्ट्स का रिव्यू किया गया.
बिज़नेस फ़ोरम और इंडस्ट्री में सहयोग
शुक्रवार दोपहर को मोदी और पुतिन भारत मंडपम में इंडिया-रूस बिज़नेस फ़ोरम को एक साथ संबोधित करेंगे, जहां इन्वेस्टमेंट के मौकों, मैन्युफैक्चरिंग पार्टनरशिप और टेक्नोलॉजी में सहयोग पर बात की जाएगी.
डिफेंस बातचीत और ब्रह्मोस अपग्रेड
बातचीत के दौरान डिफेंस कोऑपरेशन पर खास तौर पर बात होगी. भारत और रूस ब्रह्मोस के एडवांस्ड वेरिएंट के डेवलपमेंट का रिव्यू कर सकते हैं, जिसमें ब्रह्मोस-NG जैसे हल्के एयर-लॉन्च मॉडल और एक्सटेंडेड-रेंज वर्जन शामिल हैं.
हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट्स, लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों और भारत की और S-400 मिसाइलों की प्लान्ड खरीद पर भी बातचीत होने की उम्मीद है. ब्रह्मोस, एक फ्लैगशिप जॉइंट वेंचर है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट मिला था और भारत ने फिलीपींस से शुरू करके इस सिस्टम को एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया है.
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दोनों देश के नेता UN, SCO, G20 और ब्रिक्स में कोऑपरेशन सहित बड़े इंटरनेशनल मुद्दों पर भी अपने विचार शेयर करेंगे. रूस ने कहा कि वह 2026 में ब्रिक्स चेयरमैनशिप संभालने की तैयारी में भारत के साथ कोऑर्डिनेट करने के लिए उत्सुक है.
अहम रक्षा समझौते और 'शक्तिमान' भारत की तैयारी
पुतिन की यात्रा में सबसे ज्यादा फोकस डिफेंस समझौते पर रहेगा. RELOS (रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट) समझौते को दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में अब तक के सबसे अहम रक्षा समझौतों में से एक माना जा रहा है. इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य बेस, बंदरगाह और सप्लाई पॉइंट का इस्तेमाल कर सकेंगी. रूस भारत को अपना सबसे एडवांस लड़ाकू विमान SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट देने के लिए तैयार है. इसके अलावा भविष्य में S-500 पर सहयोग, ब्रह्मोस मिसाइल का अगला वर्जन और वॉरशिप बनाने जैसी योजनाओं पर भी बातचीत होने की उम्मीद है.
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