संसद की सुरक्षा और गोपनीयता को और अधिक पुख्ता करने के लिए लोकसभा सचिवालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बुधवार को सचिवालय ने सभी सांसदों को संसद परिसर के भीतर स्मार्ट चश्मे (Smart Spectacles), पेन कैमरा और स्मार्ट वॉच जैसे आधुनिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग न करने की सख्त सलाह दी है.
लोकसभा द्वारा जारी एक हालिया बुलेटिन में सांसदों को याद दिलाया गया है कि वर्तमान में देश में अत्याधुनिक तकनीक से लैस उपकरणों की भरमार है. सचिवालय ने चेतावनी दी है कि इन उपकरणों का दुरुपयोग सांसदों की निजी गोपनीयता में सेंध लगा सकता है और संसदीय विशेषाधिकारों (Parliamentary Privileges) का गंभीर उल्लंघन बन सकता है.
गोपनीयता और सुरक्षा को खतरा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सचिवालय द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है, "आजकल बाजार में स्मार्ट चश्मे, पेन कैमरा और स्मार्ट घड़ियां जैसे उन्नत डिजिटल उपकरण व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. इनमें से कुछ उपकरणों का उपयोग इस तरह से किया जा सकता है जो सदस्यों की निजता से समझौता कर सकते हैं और संसदीय मर्यादाओं को भंग कर सकते हैं."
सचिवालय ने सांसदों से विशेष अनुरोध किया है कि वे पार्लियामेंट एस्टेट (संसद परिसर) के किसी भी हिस्से में ऐसे किसी भी उपकरण का उपयोग करने से बचें, जिससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो या अन्य सदस्यों की प्राइवेसी को खतरा हो.
क्यों पड़ी इस एडवाइजरी की जरूरत?
जानकारों के मुताबिक तकनीक के इस दौर में जासूसी या रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण इतने छोटे और सामान्य दिखने वाले हो गए हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल होता है. एक सामान्य दिखने वाला चश्मा या पेन भी वीडियो रिकॉर्डिंग या ऑडियो सुनने की क्षमता रखता है. संसद के भीतर होने वाली चर्चाएं और संवेदनशील गतिविधियां सुरक्षित रहें, इसी उद्देश्य से यह गाइडलाइन जारी की गई है.
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