संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित तीनों संशोधित आपराधिक कानूनों को अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल गई है. भारत सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर इन कानूनों को लागू कर सकती है. इन कानूनों के बाद अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता (द्वितीय) बन गई है. वहीं दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (द्वितीय) ने ली है. इसके अलावा तीसरे कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता (द्वितीय) ने ले ली है.
हम आपको कुछ ऐसे कानूनों की धाराओं के बारे में बता रहे हैं, जो सार्वजनिक डोमेन में फेमस हैं, लेकिन नए कानूनों के बाद अब उनकी जगह दूसरी धाराओं ने ले ली है. जैसे धोखाधड़ी और ठगी करने वालों के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जाता था, लेकिन अब 316 के तहत केस दर्ज किया जाएगा.
अंग्रेजों के दौर के तीन कानून खत्म, राष्ट्रपति मुर्मू ने नए क्रिमिनल लॉ को दी मंजूरी
लोगों की जुबान पर रहती थीं कुछ धाराएं
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा था?
इन बिलों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने न केवल इन पुरानों कानूनों का नाम बदला है बल्कि यह नए विधेयक सजा देने के बजाय न्याय दिलाने के उद्देश्य से लाये गए हैं. गृहमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार ये नए कानून भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों की आत्मा भारतीय है और पहली बार भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संविधान में बनाए गए कानूनों से संचालित होगी.
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