पूर्वोत्तर के राज्यों में मानसून ने तबाही मचा दी है. अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा — हर जगह बादलों ने बर्बादी की दास्तान लिख दी है. बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित हुए हैं. कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, चाहे वो शहर या गांव के हो.
मणिपुर में आफत बनी बारिश
मणिपुर में मानसून की ऐसी मार पड़ी है कि राज्य के कई शहर कराह रहे हैं. इंफाल तो पानी-पानी हो गया है. जिन सड़कों पर कभी गाड़ियां दौड़ती थीं, वहां नाव चलाने की नौबत आ गई है. इंफाल में कुछ जगहों पर तो कमर तक पानी भरा हुआ है. मानसूनी आफत के आगे इंफाल बेबस और लाचार है.
इंफाल में बाढ़ से बनी भयावह स्थिति
इंफाल में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है और इसका असर शहर के तमाम हिस्सों में दिख रहा है. ये तस्वीरें मानसून से इंफाल की बढ़ती मुसीबत की सच्चाई बयां कर रही हैं. इंफाल शहर का मंजर देखिए — किस तरह लोग सैलाब में फंसे हुए हैं. निचले इलाकों में घरों में पानी घुस आया है. लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं तो सैलाब से ही उन्हें गुजरना पड़ रहा है. घुटने भर पानी में वे जीवन बिता रहे हैं.
नदियों का उफान, सड़कों पर नाव
इंफाल शहर में जहां तक नजर जाती है, पानी ही पानी नजर आता है. नदियों में भी जबरदस्त उफान है. ऐसे गंभीर हालात के कारण कई जगहों पर किनारे टूट गए हैं. इस वजह से निचले इलाकों में खतरा और बढ़ गया है. पश्चिमी इंफाल के कुछ इलाकों में घरों में पानी घुस गया है. खेतों में पानी भर गया है. सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं. हजारों लोग फंसे हुए हैं.
चौक-चौराहों पर बाढ़ जैसे हालात
शहर के चौक-चौराहे भी जलमग्न हैं. हालात ऐसे हैं कि गाड़ियों की आवाजाही बंद हो चुकी है. लोग बाढ़ जैसे हालात के बीच जीवनयापन को मजबूर हैं. कई रिहायशी इलाकों में हजारों की आबादी फंसी हुई है. लोग कुदरत के इस कहर के आगे बेबस हैं. मानसूनी संकट ने उन्हें घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया है. बुजुर्गों और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर है.
सेना और असम राइफल्स कर रही हैं राहत
गंभीर हालात को देखते हुए सेना ने राहत कार्य का मोर्चा संभाल लिया है. असम राइफल्स के जवान भी तैनात किए गए हैं. जवान दिन-रात बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को रेस्क्यू कर रहे हैं और सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रहे हैं. इस मिशन को "ऑपरेशन जल राहत-2" नाम दिया गया है.
इंफाल के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके
पूर्वी और पश्चिमी इंफाल के पोरोमपत, वानखेई, सांजेनथोंग, पैलेस कंपाउंड, न्यू चेकोन जैसे इलाके सैलाबी आफत से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसलिए राहत और बचाव कार्य में जुटे जवानों का ध्यान इन इलाकों पर है. हाल ही में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालात की जानकारी ली.
राहत की उम्मीद नहीं
इंफाल मौसम की मार से जूझ रहा है और फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. आशंका जताई गई है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा.
सिक्किम में भी मानसून का कहर
जो स्थिति मणिपुर की है, वही सिक्किम में भी है. जोरदार बरसात ने शहरों की दशा बदल दी है. शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं और जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है. जिन सड़कों पर गाड़ियां चलती थीं, वहां नाव चलाने की नौबत आ गई है.
सिंगताम में भूस्खलन, बड़ी घटना टली
उत्तर सिक्किम के सिंगताम इलाके में लगातार भारी बारिश हो रही है. इस वजह से मुख्य सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ. हादसे के वक्त कई लोग रास्ते से गुजर रहे थे, लेकिन समय रहते वहां मौजूद लोगों ने चीख-चीखकर उन्हें आगाह किया. पहाड़ का एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा. गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई.
थांग में ट्रक पर गिरा मलबा
सिक्किम के थांग इलाके में पहाड़ से मलबा गिरने से एक मिनी ट्रक हादसे का शिकार हो गया. भारी पत्थरों की चपेट में आया ट्रक पूरी तरह दब गया, लेकिन चालक समय रहते सीट से कूद गया और जान बचा ली.
चुंगथांग डैम प्रोजेक्ट को नुकसान
बादल फटने से सिक्किम में हाहाकार मच गया है. चुंगथांग डैम प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. 2023 की तबाही के बाद पुनर्निर्माण का काम चल रहा था, लेकिन अब वह फिर से रुक गया है.
तीस्ता नदी का रौद्र रूप
उत्तर सिक्किम में तीस्ता नदी के जलस्तर में भारी इजाफा हुआ है. एक पुल की दीवार लहरों की मार सह नहीं पाई और ढह गई. उत्तरी सिक्किम के कई होटलों में पर्यटक फंसे हुए हैं, और ये हालात तब हैं जब मानसून की बस शुरुआत हुई है.
अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन
अरुणाचल प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मची हुई है. अपर सुबनसीरी इलाके में करीब 80 घर तबाह हो गए हैं और एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई है.
असम में सैलाब से जनजीवन ठप
अरुणाचल के बाद असम में भी मानसून का प्रकोप दिखा है. श्रीभूमि, सिलचर, जोरहाट, गोलाघाट, बोकाखाट और लखीमपुर जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं. डिफलू नदी के उफान से राष्ट्रीय राजमार्ग-37 का हिस्सा डूब गया है.
असम के 15 जिले प्रभावित
असम के 15 जिलों में करीब 80 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. गृहमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.
त्रिपुरा और मिजोरम में भी आफत
त्रिपुरा में मुख्यमंत्री माणिक साहा ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है. मिजोरम के आइजोल में भी लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं. मानसून की आमद ने पूरे पूर्वोत्तर में तबाही मचा दी है.
सिलचर का उधारबंद इलाका जलमग्न
असम के सिलचर में बराक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. उधारबंद क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है. एनडीआरएफ के जवान लगातार रेस्क्यू कर रहे हैं.
आजतक ब्यूरो