बांग्लादेश में कोटा सिस्टम को लेकर बीते कुछ दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत के 120 छात्र सुरक्षित देश लौट आए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि असम के रहने वाले लगभग 120 छात्र बांग्लादेश से लौटे हैं.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अजय तिवारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि असम के छात्र अब तक करीमगंज जिले के सुतारकांडी और मेघालय के डावकी में एकीकृत जांच चौकियों के माध्यम से भारत में प्रवेश कर चुके हैं.
उन्होंने कहा, 'पूर्वोत्तर में, छात्र और अन्य लोग असम, मेघालय और त्रिपुरा में आईसीपी के माध्यम से प्रवेश कर रहे हैं. शनिवार रात तक, असम के 76 छात्र डावकी से प्रवेश कर चुके हैं, जबकि अन्य 41 छात्र सुतारकांडी सीमा से प्रवेश कर रहे हैं.'
उन्होंने यह भी कहा कि बराक घाटी के छात्र ज्यादातर सुतारकांडी के माध्यम से आ रहे हैं, जबकि ब्रह्मपुत्र घाटी के छात्र दाऊकी के माध्यम से देश में प्रवेश कर चुके हैं. तिवारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में और छात्रों के आने की उम्मीद है और असम सरकार ने उनके भारत में प्रवेश की सुविधा के लिए सुतारकांडी में एक मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की है.
उन्होंने कहा, 'नेपाल, बिहार और अन्य राज्यों से भी छात्र आ रहे हैं. त्रिपुरा से संबंधित अधिकांश छात्र उस राज्य में अखौरा पोस्ट के माध्यम से देश लौट आए हैं.' यह पूछे जाने पर कि बांग्लादेश में कितने असमिया छात्र हैं, तिवारी ने कहा कि यह संख्या राज्य सरकार के पास उपलब्ध नहीं है, लेकिन विदेश मंत्रालय के पास आंकड़ा है.
उन्होंने कहा, हम सुतारकांडी पोस्ट के माध्यम से आने वाले हर व्यक्ति की निगरानी कर रहे हैं और उनके संबंधित घरों के लिए सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान कर रहे हैं. करीमगंज जिला आयुक्त मृदुल यादव ने शनिवार को कहा कि उन्होंने और एसपी ने सुतारकांडी में आईसीपी का दौरा किया और छात्रों से बातचीत की.
राज्य सरकार बांग्लादेश में रहने वाले या वहां जाने वाले राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ भी संपर्क में है. स्थिति सामान्य होने तक सीमा पर एक मजिस्ट्रेट और डिप्टी एसपी को 24 घंटे तैनात किया गया है.' उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर किसी तनाव की आशंका नहीं है. बता दें कि कोटा सिस्टम को लेकर बांग्लादेश में शुरू हुई हिंसा में अब तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है और अब सरकार ने शूट एट साइट का ऑर्डर दे दिया है.
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