भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आधिकारिक तौर पर बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भागों, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ इलाकों में साउथवेस्ट मॉनसून के वक्त से पहले पहुंचने का ऐलान किया है. यह मॉनसून के अग्रिम चरण को दर्शाता है, जो इस इलाके के लिए सामान्य समय से कई दिन पहले हुआ है.
यह मॉनसून दो दिनों तक भारी मध्यम वर्षा के बाद आया है, जिसमें निकोबार द्वीप समूह के कई जगहों पर भारी बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, इस इलाके में लगातार बारिश दर्ज की गई, जो मॉनसून की प्रगति को दर्शाता है.
मौसम संबंधी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 48 घंटों में पश्चिमी हवाएं लगातार मजबूत और गहरी होती जा रही हैं, औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर हवा की गति 20 समुद्री मील से ज्यादा है और इन हवाओं का प्रभाव 4.5 किमी की ऊंचाई तक फैला हुआ है.
आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) में भी कमी देखी गई है, जो पिछले दो दिनों में कम हुई है. यह एक्टिव मॉनसून स्थितियों के मुताबिक संकेत है.
इन मौसम संबंधी मानदंडों को पूरा करने के साथ, IMD ने आज इलाके में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने का ऐलान किया. IMD ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 13 मई, 2025 के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की बहुत संभावना है."
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