अखिलेश यादव के बागी नेता और रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी लगातार राम के नाम पर राजनीति और गाली देती आ रही है. रामचरितमानस से लेकर हनुमान, लक्ष्मी, सनातन धर्म को गाली दी गई, जो मेरे बर्दाश्त से बाहर था. इसलिए मैंने अपने ईमान से फैसला लिया
मनोड पांडेय ने आज तक से बातचीत में कहा कि जहां पर एक जाति और धर्म के लोगों का लगातार अपमान किया जाए, ये अधिकार किसी को नहीं है, जैसे सपा में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर टीका-टिप्पणी की गई. ये मनोज पांडे को बर्दाश्त नहीं है और मैं इससे आहत हुआ हूं.
उन्होंने कहा कि मेरे शरीर में जो आत्मा है, वह भगवान राम है. जब आत्मा ही नहीं है तो शरीर निर्जीव होता है, उससे बदबू आने लगती है.
अखिलेश यादव की ओर से कार्रवाई किए जाने पर पांडेय ने कहा कि जो परिस्थिति आएगी उसका सामना करेंगे, मेरा राजनीति करने का मकसद केवल पैसा, वैभव और पद कमाना नहीं है, मेरा मकसद गरीब, मजदूर, किसान के लिए लड़ना है, 31 साल सपा को दिए. जेल जाने से लेकर हाथ पैर तक तुड़वाए. सब कुछ किया लेकिन अपनी ईमान से गद्दारी नहीं की.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कोई हैसियत नहीं, वह राम के दर्शन करने से कैसे रोक सकते हैं? राम मनोहर लोहिया और मुलायम सिंह ने हमेशा एकता की बात की है, लेकिन भगवान राम के ऊपर टिप्पणी की जाए, गालियां दी जाएं, यह भारत में रहने वाला कोई हिंदू बर्दाश्त नहीं करेगा.
उन्होंने कहा, भगवान राम की हजारों बार मुझ पर कृपा हुई, गुरुवार को मैं अयोध्या दर्शन के लिए जाऊंगा. उन्होंने बुलाया है, उनके चरणों में बैठकर प्रार्थना करूंगा कि मुझे ताकत दे कि ऊंचाहार की जनता और रायबरेली के लिए सेवा कर सकूं, राम के आगे सब कुछ निछावर राम के बिना कुछ नहीं.
बता दें कि मनोज पांडेय ने हाल ही में यूपी विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक (व्हिप) के पद से इस्तीफा दे दिया था. मनोज पांडेय सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वो पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2017 और 2022 के चुनाव में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. रायबरेली की ऊंचाहार सीट पर उनका इतना प्रभाव है कि जब से ये सीट बनी है, तभी से वो यहां के विधायक हैं. परिसीमन के बाद 2012 में ऊंचाहार सीट बनी थी. मनोज पांडेय का रायबरेली और आसपास के जिलों में भी अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है.
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