कर्नाटक सरकार ने बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम) बिल, 2025 पेश किया. इस बिल का मकसद 'हेट स्पीच और अपराधों के फैलान, प्रकाशन या बढ़ावा देने पर रोक लगाना और उन्हें रोकना है, जो समाज में किसी शख्स या व्यक्तियों के समूह, संगठनों के खिलाफ असामंजस्य, नफरत पैदा करते हैं' और अपराधियों को सज़ा देना और पीड़ितों को मुआवज़ा देना है.
यह बिल सामाजिक असामंजस्य और नफरत को जन्म देने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने और ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों, समूहों और संगठनों को दंडित करने की कोशिश करता है.
विधानसभा में गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा पेश किया गया यह बिल एक हफ़्ते पहले कैबिनेट द्वारा पास किया गया था.
बिल में क्या-क्या प्रावधान है?
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कानून मंत्री ने क्या कहा है?
संसदीय कार्य एवं कानून मंत्री एचके पाटिल ने कैबिनेट द्वारा हेट स्पीच बिल 2025 को मंजूरी देने पर कहा, "सोसाइटी में गैर-जरूरी डिस्टर्बेंस क्रिएट न हो, इस पर यह बिल बहुत सटीक है. हमने जुर्माना और सजा के संबंध में काफी अच्छे प्रावधान किए हैं."
उन्होंने कहा कि यह कानून हेट स्पीच के खिलाफ सख्ती से निपटेगा. सरकार के मुताबिक, हेट स्पीच वह है, जो समुदायों, लोगों या समूहों के बीच नफरत पैदा करता है या लोगों को भड़काता है.
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देश में क्यों जरूरी था यह कानून?
एचके पाटिल ने कहा, "अभी भारत में कोई पर्याप्त कानून मौजूद नहीं है और इसीलिए हमने यह कानून लाने का फैसला किया." उन्होंने साफ किया है कि असहमति को दबाया नहीं जा रहा है, लेकिन नफरत पैदा करने के खिलाफ कानून सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने विधेयक को वर्णनात्मक और विस्तृत बताते हुए कहा कि यह हर सवाल का जवाब देगा.
(सगाय राज के इनपुट के साथ)
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