काजल हिन्दुस्तानी: हाई प्रोफाइल फॉलोअर, हिन्दूवादी चेहरा, हेट स्पीच में गुजरात पुलिस ने किया गिरफ्तार

काजल हिन्दुस्तानी की सोशल मीडिया पर दमदार मौजूदगी है. उनके ट्विटर अकाउंट को देखें तो वे हिन्दू संगठनों से जुड़े कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं. काजल हिन्दुस्तानी, लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर जोर-शोर से बयान देती रहती हैं.

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काजल हिन्दुस्तानी को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है. (फोटो-Twitter) काजल हिन्दुस्तानी को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है. (फोटो-Twitter)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

कथित तौर पर हेट स्पीच देने के मामले में गिरफ्तार हिन्दूवादी नेत्री काजल हिन्दुस्तानी ट्विटर बायो में अपना लंबा चौड़ा परिचय देती हैं. वे खुद को उद्यमी, रिसर्च एनालिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट, नेशनलिस्ट और 'प्राउड इंडियन' बताती हैं.

ट्विटर पर काजल हिन्दुस्तानी को लगभग 94 हजार लोग फॉलो करते हैं. जिनमें बड़े बड़े नाम शामिल हैं. इनमें पीएम नरेंद्र मोदी, तारेक फतह और कपिल मिश्रा जैसी शख्सियतें शामिल हैं. काजल हिन्दुस्तानी विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रमों में नियमित रूप से शामिल होती रहती हैं. 

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काजल हिन्दुस्तानी पर रामनवमी के मौके पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार इस भाषण की वजह से गुजरात के ऊना में 1 अप्रैल को साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. काजल हिन्दुस्तानी को गुजरात पुलिस ने रविवार को गिर सोमनाथ जिले से गिरफ्तार किया है.  

पीटीआई के अनुसार गुजरात पुलिस पिछले एक सप्ताह से काजल हिन्दुस्तानी की तलाश कर रही थी. कहा जा रहा है कि काजल पिछले एक सप्ताह से पुलिस से बचने की कोशिश कर रही थीं. रविवार को उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.  

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार काजल हिन्दुस्तानी का नाम काजल सिंगला है. काजल हिन्दुस्तानी गुजरात के जामनगर शहर की रहने वाली हैं. काजल हिन्दुस्तानी का दावा है कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार किया था. काजल हिन्दुस्तानी अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को 'राष्ट्रवादी' और सामाजिक कार्यकर्ता बताती हैं. 

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रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ दिनों से उनका वेबसाइट लॉक दिख रहा है. इसकी पुरानी रिपोर्ट के अनुसार काजल का दावा है कि उन्होंने 2019 में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के लिए प्रचार किया था. 

विवादों में कैसे आया नाम?

30 मार्च को गुजरात के गिर सोमनाथ के उना में रामनवमी के मौके पर हिन्दू सम्मेलन आयोजित किया गया था. ये आयोजन विश्व हिन्दू परिषद ने किया था. आरोप है कि इसी मीटिंग में काजल हिन्दुस्तानी ने समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था. 

काजल हिन्दुस्तानी

इस भाषण के बाद ऊना में दो दिनों तक साम्प्रदायिक तनाव बना रहा. पुलिस के अनुसार इसके बाद 1 अप्रैल को दो समुदायों के बीच पत्थरबाजी की घटना भी हुई थी. 

इस मामले में पुलिस ने 2 अप्रैल को काजल हिन्दुस्तानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A (समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण काम करना या वक्तव्य देना) के तहत मामला दर्ज किया था. उस दिन से ही पुलिस काजल हिन्दुस्तानी की तलाश कर रही थी. 

ऊना में हुई इस हिंसा के मामले में पुलिस ने भीड़ के खिलाफ FIR दर्ज की थी और 80 लोगों को गिरफ्तार किया था. 

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शांति बैठक के दौरान बिगड़े थे हालात 

पुलिस का आरोप है कि काजल हिन्दु्स्तानी ने अपने भाषण में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था. 30 मार्च की इस घटना के बाद 31 मार्च को ऊना में मौहाल तनावपूर्ण रहा. शनिवार को पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर शांति समिति की बैठक करवाई थी.  लेकिन पुलिस के अनुसार इस मीटिंग के कुछ ही घंटे बाद दोनों समुदायों के बीच टकराव शुरू हो गया. इससे पहले शांति समिति की बैठक के दौरान भी दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे और यहा भी माहौल टकराव वाला हो गया था. 

इस घटना के बाद पुलिस ने कई घरों में रात को छापेमारी की है और तलवार, रॉड समेत हिंसा में इस्तेमाल होने वाले हथियार जब्त किए हैं. पुलिस ने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  
 

 

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