भारतीय एविएशन सेक्टर की प्रमुख उड़ान सेवा प्रदाता इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसे लेकर अब विमान नियामक महानिदेशालय यानी डीजीसीए एक्टिव मोड में आ गया है. डीजीसीए ने इंडिगो संकट को लेकर चार सदस्यीय हाई लेवल कमेटी बनाई है. यह कमेटी इंडिगो के सीईओ से लगातार दूसरे दिन पूछताछ करने वाली है
वहीं, डीजीसीए अब एक्शन मोड में भी आ गया है. डीजीसीए ने इस मामले में चार अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी है. जानकारी के मुताबिक डीजीसीए ने इन चारों अधिकारियों को परिचालन और सेफ्टी के लिए जिम्मेदार मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की है. आरोप है कि इन अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी की, सेफ्टी को भी ताक पर रखा.
फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स एयरलाइंस के अधिकारी होते हैं, जिनकी जिम्मेदारी एयरलाइंस के ऑपरेशनल कम्प्लायंस और सेफ्टी को मॉनिटर करने की होती है. गौरतलब है कि उड़ानों पर संकट के बाद डीजीसीए ने इंडिगो की कड़ी निगरानी शुरू कर दी थी. डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को नोटिस जारी कर चार सदस्यीय हाई लेवल कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा था.
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पीटर एल्बर्स 11 दिसंबर को हाई लेवल कमेटी के सामने पेश हुए थे. उन्हें लगातार दूसरे दिन 12 दिसंबर को भी कमेटी के सामने पेश होना है. पीटर एल्बर्स और इंडिगो के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इससे पहले भी डीजीसीए को संचालन और भर्ती प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रिपोर्ट दी थी. नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू गुरुवार को ही एजेंडा आजतक के मंच पर थे.
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उन्होंने इंडिगो संकट के पीछे एयलाइन कंपनी के गंभीर मिसमैनेजमेंट को असल कारण बताया था. नायडू ने इंडिगो संकट को अप्रत्याशित बताते हुए कहा था कि इसे टाला जा सकता था. बता दें कि दो दिसंबर के बाद से इंडिगो की करीब चार हजार उड़ानें रद्द हो चुकी हैं. इंडिगो के सीईओ का इस संकट के कारण हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हुए वीडियो भी सामने आया था.
इनपुटः करिश्मा
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