घने कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी, ट्रेनों में करीब 20,000 फॉग पास डिवाइस लगाने का फैसला

भारतीय रेलवे द्वारा लोको पायलट्स को फॉग पास डिवाइस दिया जा रहा है. इस डिवाइस की मदद से घने कोहरे में भी ट्रेनों को सही वक्त पर और सुरक्षित तरीके से चलाया जा सकेगा. आइए जानते हैं कैसे काम करता है फॉग पास डिवाइस.

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Fog Pass Device Fog Pass Device

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

Indian Railways, IMD Fog Alert: दिसंबर का महीना खत्म होते-होते उत्तर भारत के राज्यों पर घने कोहरे का अटैक दिखने लगा है. आज यानी 27 दिसंबर को घने कोहरे के चलते कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं. ठंड के मौसम में घना कोहरा रेलवे यातायात को प्रभावित करता है. हालांकि, अब रेलवे ने घने कोहरे से निपटने की तैयारी कर ली है. रेलवे ट्रेनों में फॉग डिवाइस लगाने का काम कर रहा है. इस फॉग पास डिवाइस से घने कोहरे में भी ट्रेनों को बिना देरी और सुरक्षित तरीके से चलाया जा सकेगा. 

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ट्रेनों में लगेंगे फॉग पास डिवाइस
रेलवे सूत्रों की मानें तो लगभग 19,700 जीपीएस-आधारित नेविगेशन डिवाइस, जिन्हें फॉग पास के नाम से जाना जाता है, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए लोको पायलटों को न्यूनतम व्यवधान और देरी के साथ ट्रेन चलाने में मदद कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि फॉग पास डिवाइस की मदद से ट्रेनों का सुचारू संचालन किया जा सकेगा. 

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर साल हम फॉग डिवाइस की खरीद को बढ़ाते हैं ताकि जरूरत के समय उपयोग करने के लिए हमारे पास डिवाइस का पर्याप्त स्टॉक हो. उन्होंने बताया कि मार्च 2021 में, हमारे पास लगभग 12,742 फॉग पास डिवाइस थे. उन्होंने कहा कि नई ट्रेनों के आने से ट्रेनों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए हमने फॉग पास उपकरणों की खरीद भी बढ़ा दी है. 

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क्या है फॉग डिवाइस?
फॉग पास डिवाइस साल 2018 में रेलवे द्वारा पेश किया गया था. यह एक हाथ से पकड़ने योग्य पोर्टेबल डिवाइस है जो लोको पायलटों को घने कोहरे में मदद के लिए दिया जाता है. यह उपकरण उन्हें सिग्नल, क्रासिंग गेट (मानवयुक्त और मानवरहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के स्थान के बारे में आनबोर्ड वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है. 

यह डिवाइस भागौलिक क्रम में आने वाले तीन निश्चित स्थलों को प्रदर्शित करता है और 500 मीटर की दूरी पर रह जाने पर ध्वनि संदेश भी देता है. यह उपकरण ट्रेन इंजन की गति, स्थलों तक पहुंचने की दूरी और समय को भी दर्शाता है. इनका उपयोग उन रेलवे जोनों में किया जा रहा है, जहां ट्रेनें कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरती हैं.

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