मॉनसून का इंतजार कर रहे लोगों के लिए मौसम विभाग ने जरूरी अपडेट दिया है. IMD के मुताबिक, अगले 48 घंटों के दौरान केरल में मॉनसून की एंट्री हो सकती है. मौसम विभाग ने बताया कि केरल में मॉनसून की एंट्री को लेकर सारी परिस्थितियां अनुकूल हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं की स्थिति बनी हुई है, मध्य क्षोभमंडल स्तर तक पछुआ हवाओं की गहराई में वृद्धि हुई है और दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और केरल के तटों को कवर करने वाले क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं. ये तीनों ही परिस्थितियां मॉनसून की एंट्री के लिए बिल्कुल अनुकूल हैं.
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों और पूरे लक्षद्वीप क्षेत्र और मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल हैं.
1 जून को होती है मॉनसून की एंट्री
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून को केरल में प्रवेश करता है. पहले मौसम विभाग ने 04 जून तक मॉनसून की एंट्री की बात कही थी. अब मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों के बीच केरल में मॉनसून की एंट्री हो सकती है. पिछले साल मॉनसून ने केरल में जल्दी एंट्री ली थी. 29 मई को पिछले साल मॉनसून की एंट्री हो गई थी. इससे पहले साल 2021 में मॉनसून की एंट्री 03 जून को हुई थी. वहीं, 2020 में मॉनसून की एंट्री जून 01 को हुई थी.
इस साल सामान्य बारिश की भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने मॉनसून की बारिश को लेकर जामकारी दी थी कि इस साल भारत में सामान्य बारिश दर्ज की जाएगी. मौसम विभाग ने जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक, अल-नीनो के बावजूद भी इस साल भारत में सामान्य बारिश दर्ज की जाएगी. मॉनसून के दौरान 96% औसत वर्षा की भविष्यवाणी है. हालांकि, इसमें 5% कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है. इस दौरान सामान्य बारिश देखने को मिल सकती है जबकि अगस्त-सितंबर में मॉनसून का दूसरा भाग पर अल-नीनो का प्रभाव देखने को मिल सकता है. इस दौरान बारिश सामान्य से कम रहने की उम्मीद है.
कुमार कुणाल