भगोड़े हाइजैकर ने अपनी लोकेशन बताकर खोली पाकिस्तान की पोल, 1981 में भारतीय प्लेन की हाइजैकिंग में था शामिल

भगोड़े हाइजैकर गजिंदर सिंह (Gajinder Singh) ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. उसने पाकिस्तान में मौजूद अपना ठिकाना बताया है. इसने 1981 में भारतीय प्लेन हाइजैक किया था. सरकार पाकिस्तान से इसको भारत डिपोर्ट करने के लिए कई बार कह चुकी है. लेकिन पाकिस्तान कहता रहा कि गजिंदर वहां नहीं है.

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भगोड़े हाईजैकर गजिंदर सिंह ने फेसबुक पोस्ट किया है भगोड़े हाईजैकर गजिंदर सिंह ने फेसबुक पोस्ट किया है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

साल 1981 में भारतीय फ्लाइट को हाइजैक करने वाले भगोड़े अपहरणकर्ता की लोकेशन का पता चला है. हाइजैकर और आतंकी गजिंदर सिंह (Gajinder Singh) ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया है कि वह इस वक्त पाकिस्तान में है. हाइजैकर गजिंदर सिंह के खुलासे से पाकिस्तान का झूठ भी पकड़ा गया है.

वान्टेड आतंकी गजिंदर सिंह के खुलासे ने इस्लामाबाद के दावे पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें उसकी वहां मौजूदगी से नकारा गया था.

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गजिंदर कट्टर ग्रुप दल खालसा का सह-संयोजक है. उसने फेसबुक पोस्ट के साथ एक फोटो भी शेयर की है. इसमें वह गुरुद्वारा पानिया साहिब (Gurdwara Pania Sahib) के बाहर खड़ा है. यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद हसन अब्दल में है.

111 यात्रियों वाले जहाज को किया था हाइजैक

वान्टेड आतंकी गजिंदर सिंह ने 29 सितंबर 1981 को अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर 1981 में भारत की एक फ्लाइट हाइजैक की थी. दिल्ली से उड़ी इस फ्लाइट को अमृतसर जाना था. लेकिन ये लोग इसे हाइजैक करके बलपूर्वक लाहौर ले गए थे. इस फ्लाइट में 111 यात्री और छह क्रू मेंबर सवार थे. इनकी डिमांड थी कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को छोड़ा जाए. खालिस्तान आंदोलन के अन्य कट्टरपंथियों की भी रिहाई की मांग की गई थी. इसके साथ ही इन्होंने 500,000 यूएस डॉलर मांगे थे.

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रिपोर्ट्स में पता चला था कि हाइजैकर्स के पास उस वक्त सिर्फ खंजर और हैंड ग्रेनेड थे. फिर भारत से बातचीत के बाद पाकिस्तान ने कमांडो एक्शन लेते हुए यात्रियों को बचाया था और हाइजैकर्स को पकड़ लिया गया था. इसमें प्लान का मास्टरमाइंड गजिंदर भी पकड़ा गया था.

पाकिस्तानी कोर्ट ने इस मामले में गजिंदर समेत अन्य चार लोगों को दोषी पाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. 14 साल जेल में बिताने के बाद 1994 में इन सभी को रिहा कर दिया गया था. इसके बाद वह यहां से जर्मनी चला गया था और फिर पाकिस्तान लौट आया.

बता दें कि साल 2002 में गजिंदर का नाम भारत की मोस्ट वान्टेड की टॉप 20 की लिस्ट में था. भारत पाकिस्तान से उसको भारत डिपोर्ट करने की मांग कई बार उठा चुका है. लेकिन पाकिस्तान उसके वहां होने से ही इनकार करता रहा है.

बता दें कि दुनियाभर में हाइजैकिंग को रोकने के लिए सख्त कानून बने हैं. भारत, चीन और यूएस के कुछ राज्यों में तो हाइजैकिंग पर सजा ए मौत भी हो सकती है.

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