6 मार्च को 'दिल्ली चलो' और 10 मार्च को 'ट्रेन रोको' आंदोलन, किसानों ने बताया आगे का प्लान

किसानों ने अपने 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए नया शेड्यूल जारी कर दिया है. किसान नेताओं ने देशभर के किसानों से 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने की अपील की है. किसान नेताओं ने 10 मार्च को 'ट्रेन रोको' आंदोलन का भी ऐलान किया है. साथ ही कहा कि सीमाओं पर किसानों की संख्या और बढ़ाई जाएगी.

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किसान आंदोलन (फाइल फोटो) किसान आंदोलन (फाइल फोटो)

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 03 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को देश भर के किसानों से विरोध प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने की अपील की है. उन्होंने आंदोलन के समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के लिए देशभर में 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान भी किया.

किसान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा विरोध स्थलों पर किसानों का आंदोलन तेज किया जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती. किसान मोर्चा सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें उनकी एमएसपी की मांग अहम है.

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किसान संगठनों ने तय किया कि पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी प्रदर्शन स्थल पर आंदोलन करते रहेंगे. इस बीच यूनियनों ने अन्य राज्यों के किसानों और मजदूरों को 6 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की अपील की.

'6 मार्च को दिल्ली पहुंचें, 10 मार्च को ट्रेन रोकें'

किसान नेता पंढेर ने कहा, "दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉली पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेनों और ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों से दिल्ली पहुंचना चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाते हैं." उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा और इसे और तेज किया जाएगा."

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किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि इस आंदोलन को देशव्यापी फैलाने के लिए यूनियनों ने देश भर के किसानों और मजदूरों से 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने और 10 मार्च को देशभर में ट्रेन रोकने की अपील की. 

यूनियनों ने अपील की है कि किसान 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चार घंटे ट्रेन रोकेंगे. पंढेर ने कहा कि पंजाब की सभी पंचायतों को किसानों की मांगों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और हर गांव से एक ट्रैक्टर ट्रॉली विरोध स्थल पर पहुंचनी चाहिए.

'सरकार ने अगली बातचीत के लिए नहीं बुलाया'

एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसानों का 'दिल्ली चलो' का कार्यक्रम कायम है. एक सवाल का जवाब में डल्लेवाल ने कहा कि हालांकि केंद्र ने उन्हें नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया है, लेकिन जब भी सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया है, उन्होंने बातचीत के लिए कभी मना नहीं किया.

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डल्लेवाल ने कहा कि शुभकरण सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा. यह पूछे जाने पर कि 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 400 से ज्यादा किसान संगठनों की दिल्ली में होने वाली 'महापंचायत' में हिस्सा लेंगे, किसान नेता ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन करना सभी का अधिकार है.

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अगर उगाते रहे धान-गेहूं तो होगी पानी की किल्लत

आंदोलन में शामिल ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं. खासतौर पर हरियाणा के किसान दिल्ली के रास्ते पर हैं. पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि एमएसपी की गारंटी से पूरी समस्या का समाधान नहीं होगा, क्योंकि बाकी 21 फसलों में से कोई भी धान और गेहूं जितना लाभकारी नहीं है.

जाखड़ ने किसान नेताओं को बाकी 21 एमएसपी में से किसी एक फसल या फसल का नाम बताने की चुनौती देते हुए कहा, हमारे किसान जानते हैं कि अगर वे गेहूं और धान उगाते रहे तो आने वाले वर्षों में किसी भी फसल के लिए पानी नहीं बचेगा. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि उन्हें इन दोनों (गेहूं, धान) पर एमएसपी मिलता है और अपील की कि बाकी फसल उगाने के लिए सरकार के सामने किसानों को प्रस्ताव देना चाहिए.

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