चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर EC ने उपचुनाव का किया ऐलान, 19 जून को वोटिंग और 23 को परिणाम

गुजरात की दो विधानसभा सीटों और केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल की 1-1 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान निर्वाचन आयोग ने कर दिया है. इन पांच सीटों पर 19 जून को वोट डाले जाएंगे, नतीजे 23 जून को घोषित होंगे.

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निर्वाचन आयोग ने चार राज्यों की 5 असेंबली सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया. (PTI Photo) निर्वाचन आयोग ने चार राज्यों की 5 असेंबली सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया. (PTI Photo)

आशुतोष मिश्रा / ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST

भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया. इन चार राज्यों में विधानसभा की पांच रिक्त सीटों पर उपचुनाव 19 जून को होगा और नतीजे 23 जून को आएंगे. गुजरात के कादी और विसावदर निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे. कादी भाजपा विधायक करसनभाई पंजाबभाई सोलंकी का इस वर्ष फरवरी में निधन हो गया था, जिस कारण यह सीट रिक्त हुई है. वहीं विसावदर सीट AAP विधायक भयानी भूपेंद्रभाई गंडूभाई के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. साल 2023 मे भूपत भायानी ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था और भाजपा मे शामिल हुए थे. 

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साल 2022 में भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी हर्षद रीबडिया ने गुजरात हाइ कोर्ट में भूपत भायानी की जीत को चुनौती दी थी. मार्च महीने में हर्षद रीबडिया ने अपनी याचिका वापस ले ली थी, जिसके बाद उपचुनाव का रास्ता साफ हुआ था. वीसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष गोपाल इटालिया को उम्मीदवार घोषित किया है. AAP और कांग्रेस के बीच दोनों सीटों पर गठबंधन नहीं होगा, इसका ऐलान पहले ही कांग्रेस कर चुकी है. अभी गुजरात विधानसभा में भाजपा के 161 विधायक हैं. कांग्रेस के 11 और AAP के 4 विधायक हैं, 3 निर्दलीय और 1 सपा का विधायक है.

केरल की नीलांबुर सीट पर उपचुनाव

केरल के नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में एलडीएफ समर्थित विधायक पीवी अनवर के पद को भरने के लिए उपचुनाव होगा, जिन्होंने इस साल जनवरी में इस्तीफा दे दिया था. उन्हें तृणमूल कांग्रेस (TMC) की केरल इकाई का संयोजक नियुक्त किया गया था. पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद उनके पद को भरने के लिए उपचुनाव होगा. पश्चिम बंगाल के कालीगंज में नसीरुद्दीन अहमद के पद को भरने के लिए उपचुनाव होगा, जिनका इस साल फरवरी में हृदयाघात से निधन हो गया था.

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इससे पहले 23 मई को, मतदान प्रतिशत बढ़ाने और वोटिंग वाले दिन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के अनुरूप, चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं के लिए अपने मोबाइल जमा करने की सुविधा प्रदान करने का फैसला लिया. इसके अलावा चुनाव प्रचार के मानदंडों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दो और व्यापक निर्देश जारी किए. ये निर्देश जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुरूप हैं. 

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग और कवरेज को देखते हुए तथा मतदान के दिन न केवल आम मतदाताओं, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं के सामने मोबाइल फोन को रखने में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए, आयोग ने मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा देने का निर्णय लिया है. मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में ही मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होगी और वह भी स्विच्ड ऑफ करके.

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मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार के पास बहुत ही साधारण पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग उपलब्ध कराए जाएंगे, जहां मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन जमा करने होंगे. मतदाता को मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर  द्वारा प्रतिकूल स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कुछ मतदान केंद्रों को इस प्रावधान से छूट दी जा सकती है. चुनाव संचालन नियम, 1961 का नियम 49एम, जो मतदान केंद्र के भीतर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करता है, का सख्ती से पालन जारी रहेगा.

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