दिल्ली में सर्दी की ठंड के साथ वायु प्रदूषण का संकट और गहरा गया है. राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया है और 414 दर्ज किया गया. सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार, करीब 30 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI 'गंभीर' स्तर पर दर्ज किया गया है. सबसे खराब स्थिति आनंद विहार में है, जहां AQI 466 पहुंच गया है. इसी तरह नेहरू नगर, मुंडका और ओखला फेज-2 जैसे इलाकों में भी AQI 450 से ऊपर दर्ज किया गया है.
CPCB के अनुसार, आज सुबह 7 बजे आनंद विहार- 466, अलीपुर- 408, अशोक विहार- 444, बुराड़ी क्रॉसिंग- 390, चांदनी चौक- 425, द्वारका-सेक्टर-8- 440, आईजीआई एयरपोर्ट (टी3)- 379, दिलशाद गार्डन- 336, आईआईटी दिल्ली- 387, आईटीओ- 436, जहांगीरपुरी- 447, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम- 417 पर AQI दर्ज किया गया है जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. इसके अलावा लोधी रोड पर- 368 AQI दर्ज किया गया है.
आसमान में छाई स्मॉग की मोटी चादर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, कल (22 दिसंबर) दोपहर 4 बजे तक दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 373 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. ठंड बढ़ने के साथ इनवर्शन लेयर बनने से प्रदूषक हवा में फंस रहे हैं, जिससे स्मॉग की मोटी परत छा गई है.
इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक यूनिटों पर बड़ी कार्रवाई की है. 411 ऐसी यूनिटों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं जो बिना अनुमति के चल रही थीं और हवा व पानी दोनों को प्रदूषित कर रही थीं.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, DPCC-राजस्व विभाग और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (DSIIDC) की संयुक्त टीम ने 28 अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों और 27 पुनर्विकास क्षेत्रों का निरीक्षण किया. 20 दिसंबर तक अधिसूचित क्षेत्रों में 1,586 इकाइयों की जांच हुई, जिनमें से 232 बिना DPCC की अनुमति के चल रही थीं और प्रदूषण फैला रही थीं. पुनर्विकास क्षेत्रों में 1,102 इकाइयों में से 179 नियमों का उल्लंघन कर रही थीं.
411 औद्योगिक यूनिट बंद करने का आदेश
21 दिसंबर को इन सभी 411 गैर-अनुपालन इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए गए थे. अधिकारियों ने बताया कि ये कार्रवाई दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा के निर्देश पर की गई है.
दिल्ली लगातार स्मॉग और जहरीली हवा से जूझ रही है, जिसके कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत आपात उपाय बार-बार लागू हो रहे हैं. ठंडी रातें और कम हवा की गति प्रदूषण को और बढ़ा रही हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संवेदनशील लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और सावधानी बरतने की सलाह दी है.
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