'चीन-पाकिस्तान दोनों ही हमारे लिए चुनौती...', एस जयशंकर ने बताया कितनी बदली है हमारी विदेश नीति

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'आजतक' के खास कार्यक्रम में अपने करियर के साथ-साथ भारत की विदेश नीति को लेकर बातें की. उन्होंने इस दौरान भारत की विदेश नीति में जिस तरह के बदलाव आए हैं, उन पर चर्चा की साथ ही ये भी बताया कि वर्तमान में भारत किन नीतियों पर आगे बढ़ रहा है.

Advertisement
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो) विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में शिरकत की. इस इंटरव्यू के दूसरे भाग में उन्होंने चीन को लेकर भारत की पॉलिसी पर प्रकाश डाला साथ ही कहा कि आज भारतीय टैलेंट को दिशा मिल रही है और उन पर भरोसा जताया जा रहा है. ये सभी बदलाव बीते 9-10 सालों में ही हुए हैं, जिन्होंने हमें आत्मनिर्भर बनाया है. 

Advertisement

'चीन पर बदली है भारतीय नीति'
खास बातचीत में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चीन पर हमारी पाॉलिसी अब बदली है. इसे ऐसे समझें कि जब राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे. फिर हमारी बातचीत हुई. 1993 और 1996 में दो अग्रीमेंट हुए थे. इसमें बॉर्डर पर फौज न लाने का समझौता हुआ था. एलसी पर 1993 से 2020 तक आप बॉर्डर सिचुएशन देखेंगे तो पाएंगे कि ये बहुत स्टेबल था. 2020 के बाद स्थिति में बदलाव आया और अब तक उन्होंने हमें एक क्रेडिबल जवाब नहीं दिया कि आखिर उन्होंने उस अग्रीमेंट की खिलाफत करते हुए कदम क्यों उठाया?

'आर्थिक स्तर पर भी भारत में आया बदलाव'
विदेश मंत्री ने कहा कि इस तरह सीमा पर तो चीन को लेकर हमारी पॉलिसी बदली है. अब आर्थिक स्तर पर भी बात कर लेते हैं. इस पर उन्होंने पुराने उदाहरण देते हुए कहा कि 'हमें जिस मात्रा में घरेलू क्षमता बढ़ानी थी तो इसमें देरी हुई. मैंने ट्रेड गैप को लेकर आवाज उठाई थी. लेकिन उस समय हमारी सरकार चीन के साथ फ्री ट्रेड अग्रीमेंट के लिए तैयार थी. आज तस्वीरें बदली हैं. पीएम मोदी के आने के बाद आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया ने हमारी क्षमता बढ़ाई है. दस साल में बदलाव आना शुरू हुआ है. इसके पहले मैंने सवाल उठाया था कि ट्रेड गैप क्यों है? लेकिन तब मैं जो कह रहा था उस समय मेजोरिटी ओपिनियन नहीं था, लेकिन, अब बीते 10 साल में ये सोच बनी है कि हमारी निर्भरता चीन पर ज्यादा है. 

Advertisement

भारत जैसा देश जहां अपार क्षमता है, आज उस क्षमता को दिशा मिल रही है और सम्मान मिल रहा है. टेलिकॉम में हमारे यहां टैलेंट है. कोविड आया तो मेड इन इंडिया का  भरोसा दिखा. जिसमें हमारे टैलेंट ने वैक्सीन बनाई. ऐसी सरकार चाहिए जो भारत के टैलेंट पर विश्वास करें. 

विदेश मंत्री ने पहले और अब की सरकार में बताया फर्क
मनमोहन सरकार से वर्तमान सरकार में क्या अंतर है इस पर सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों में दो फर्क हैं. पहला तो यह कि आज की सरकार में आत्मनिर्भरता है और दूसरा यह सरकार काफी राष्ट्रवादी है और जो कुछ चीजें सरकार ने की हैं वह लॉन्गटर्म के लिए हैं. पीएम मोदी की सरकार में खासियत है कि वह डिलवरी फोकस्ड हैं. 

राहुल गांधी के लिए कही ये बात
इसी दौरान अगला सवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर हुआ, जो कुछ मौकों पर एस जयशंकर के लिए समझ बढ़ाने जैसी टिप्पणी कर चुके हैं. इसके लिए विदेश मंत्री क्या सोचते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि, विपक्ष से आप सहमति की उम्मीद नहीं कर सकते और यह स्वाभाविक भी है. फिर भी कई मौकों पर विपक्ष भी सर्वसम्मति देता है. इसके लिए उन्होंने 2015 की बांग्लादेश स्थिति का उदाहरण दिया. विदेश मंत्री ने कहा कि, 'मैंने कभी बैकफुट नहीं लिया. मैं काफी प्रैक्टिकल हूं. ये अपेक्षा कि विपक्ष हर बात मानेगी या सहमति देगी, ऐसा जरूरी नहीं है. कुछ अपवाद स्थिति में सर्वसहमति की जरूरत है, तो यह संभव हो सकता है.  जहां तक राहुल गांधी का सवाल है कि वह समझ बढ़ाने की जरूरत होती है तो मैं मान लेता हूं कि कोई बड़े गुरु होंगे.'

Advertisement

हमारा बड़ा दुश्मन कौन सा? क्या बोले विदेश मंत्री 
जी 20 में जिनपिंग, पुतिन और बाइडेन तीनों होंगे इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, जी 20 और यूक्रेन वार को अलग रखें. हमारी शिकायत है कि जी 20 आर्थिक प्लेटफॉर्म है.जो काम जी 20 को करना चाहिए उसे नजरअंदाज करके ध्यान कहीं और ले जाते हैं. हमारा दुश्मन नंबर एक कौन है के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, चीन आज हमारे लिए बड़ी चुनौती है. बल्कि दोनों देश हमारे लिए अपने-अपने तरीके से चुनौती हैं. चीन से मिलिट्रि थ्रेट है, तो पाकिस्तान से आतंकवाद का खतरा है. खास बात यह कि पहले से दोनों मिले थे, इससे पहचाने में देरी हुई. 

राजनीति में लंबी पारी और लोकसभा चुनाव में भागीदारी पर विदेश मंत्री ने कहा कि, आप राज्यसभा-लोकसभा की बात कर रहे हैं,लेकिन मैं पॉलिटिक्स में हूं ये भी मेरे लिए मानना मुश्किल हो रहा है. लेकिन आगे जो होगा तब देखा जाएगा. अभी मेरा फोकस सिर्फ राज्यसभा पर है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement