'सुनवाई में VC के जरिए हों शामिल', दिल्ली में प्रदूषण गंभीर होने पर SC का वकीलों-पक्षकारों को निर्देश

दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद सीजेआई सूर्य कांत ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और पक्षकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाइब्रिड मोड में सुनवाई में उपस्थिति होने की अपील की.

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दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते सीजेआई सूर्यकांत की वकीलों और पक्षकारों से हाइब्रिड मोड का उपयोग करने की अपील. (File Photo: PTI) दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते सीजेआई सूर्यकांत की वकीलों और पक्षकारों से हाइब्रिड मोड का उपयोग करने की अपील. (File Photo: PTI)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड और लगातार गंभीर होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों और स्वयं पक्षकारों (पार्टी-इन-पर्सन) से हाइब्रिड मोड के इस्तेमाल की अपील की है. इसके तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल रूप से पेश होने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है, 'मौसम और वायु प्रदूषण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने यह सलाह दी है कि यदि सुविधाजनक हो, तो बार के सदस्य और पार्टी-इन-पर्सन अपने मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाइब्रिड मोड का लाभ उठाएं.' वकीलों और पक्षकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का उद्देश्य खराब हवा के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना है.

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दिल्ली में सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से अधिक दर्ज किया गया, जो इस सर्दी का सबसे प्रदूषित दिन है और दिसंबर महीने का अब तक का दूसरा सबसे खराब एक्यूआई लेवल बताया जा रहा है. कमजोर हवाओं और ठंड के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण की निचली परत में ही फंसे हुए हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 0–50 AQI ‘अच्छा’, 51–100 ‘संतोषजनक’, 101–200 ‘मध्यम’, 201–300 ‘खराब’, 301–400 ‘बहुत खराब’ और 401–500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, कोविड ड्यूटी पर मृत डॉक्टरों के परिवार को मिलेगा 50 लाख का बीमा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक का मौजूदा स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में होने के कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लंबे समय तक ऐसी हवा के संपर्क में रहने से स्वास्थ्य जोखिमों की चेतावनी दी है. इससे पहले 26 नवंबर को भी मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने दिल्ली की प्रदूषित हवा में एक घंटे की मॉर्निंग वॉक के दौरान असहजता महसूस की थी. इसके बाद उन्होंने अदालत की कार्यवाही को पूरी तरह वर्चुअल मोड में ले जाने पर विचार किया था. 

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उन्होंने ये टिप्पणियां चुनाव आयोग द्वारा कई राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) से जुड़े फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की थीं. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट हाइब्रिड मोड में कार्य कर रहा है, जिसमें फिजिकल और वर्चुअल दोनों तरह की सुनवाई की व्यवस्था है. इससे पहले 13 नवंबर को न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा ने भी दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु गुणवत्ता को देखते हुए वकीलों को वर्चुअल रूप से पेश होने की सलाह दी थी.

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