आस्तीन के सांप या दुश्मन...क्या कहेंगे? बच्चों से रेप करने वालों में सबसे ज्यादा 'करीबी', NCRB डेटा देखें

भारत में मासूमियत लगातार खतरे में है. बच्चों के साथ बलात्कार के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है और सबसे दर्दनाक पहलू ये है कि अपराधी कोई अनजान दरिंदा नहीं, बल्कि पीड़ित का अपना परिचित होता है. ये कभी रिश्तेदार, कभी पड़ोसी तो कभी दोस्त होते हैं. NCRB की ताजा रिपोर्ट बताती है कि हर साल बढ़ते ये आंकड़े समाज और सिस्टम, दोनों के लिए गहरी चेतावनी हैं.

Advertisement
बचपन को नोंचने वाले चेहरे अजनबी नहीं... 97% मामले अपनों के नाम बचपन को नोंचने वाले चेहरे अजनबी नहीं... 97% मामले अपनों के नाम

सम्राट शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

भारत में सबसे घातक अपराधों में से एक बच्‍चों के साथ दुष्कर्म के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. चिंताजनक बात ये है कि ज्यादातर मामलों में अपराधी पीड़ित के परिचित होते हैं, जैसे परिवार का कोई सदस्य, दोस्त या पड़ोसी. समय के साथ ऐसे मामलों में परिचित अपराधियों की हिस्सेदारी भी बढ़ी है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में POCSO एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत 40,434 बच्‍चों के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए. इनमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (4,600) में सामने आए, इसके बाद मध्य प्रदेश (3,866), उत्तर प्रदेश (3,728), तमिलनाडु (3,407), कर्नाटक (3,101) और गुजरात (2,279) का नंबर है.

Advertisement

परिचितों ने दिए जख्म 

सभी दर्ज मामलों में से 2023 में 97 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिनमें अपराधी पीड़ित का परिचित था. ओड़िशा, झारखंड, त्रिपुरा और मिजोरम सहित 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी बच्‍चों के साथ दुष्कर्म परिचित द्वारा किए गए. इसके अलावा महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 99.9 प्रतिशत मामले और कर्नाटक व तेलंगाना में 99.8 प्रतिशत मामले परिचित अपराधियों द्वारा थे. कुल मिलाकर 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99 प्रतिशत से अधिक बच्‍चों के साथ दुष्कर्म  परिचितों द्वारा किया गया.

नहीं थम रहा स‍िलस‍िला 

पिछले कुछ वर्षों में बच्‍चों के साथ दुष्कर्म  के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 2017 में 17,557 मामले थे, जो 2020 में बढ़कर 28,065 और 2023 में 40,434 हो गए. इसी अवधि में अपराध में परिचित अपराधियों की हिस्सेदारी 93.6 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 96 प्रतिशत और 2023 में 96.6 प्रतिशत हो गई.

Advertisement

ये बढ़ोतरी सरकारी प्रयासों के बावजूद हुई है जिनमें चाइल्ड प्रोटेक्शन को मजबूत बनाने के लिए लागू कई कार्यक्रम शामिल हैं, जैसे इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम और फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स. अपराधियों का पीड़ित के नजदीकी क्षेत्र में होना इस समस्या को और बढ़ाता है. शायद यही कारण है कि मौजूदा योजनाओं का बच्चों के साथ दुष्कर्म  के मामलों को कम करने में कोई ठोस असर नहीं पड़ा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement