12 की उम्र में रेप के बाद अचानक हुई गायब, 10 साल बाद आकर कोर्ट में दी गवाही; दोषी को मिली उम्रकैद

चेन्नई में एक दशक बाद एक बलात्कार पीड़िता ने अदालत में गवाही दी, जिससे अपराधी को सजा दिलाने में मदद मिली. घटना 2015 की है जब 12 वर्षीय पीड़िता को अब्बास अली ने अपहरण कर यौन शोषण किया था. आरोपी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

Advertisement
10 साल बाद पीड़िता की गवाही से दोषी को मिली उम्रकैद की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर) 10 साल बाद पीड़िता की गवाही से दोषी को मिली उम्रकैद की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 21 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

तमिलनाडु के चेन्नई से हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ने 12 साल की बच्ची का पहले अपहरण किया और फिर उसका रेप किया. पीड़ित परिवार आरोपी की डर की वजह से चेन्नई छोड़ दूसरे जगह शिफ्ट हो गए. लेकिन, 10 साल बाद यानि 22 साल की उम्र में वह अपने गुनहगार को सजा दिलाने के लिए वापस लौटी. पीड़िता ने अदालत में गवाही दी और अपने ऊपर हुए जुल्म का विवरण दिया. जिसके बाद आरोपी को अदालत ने दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुना दी.

Advertisement

हालांकि, पीड़िता को न्याय मिलने में एक दशक का समय जरूर लगा. लेकिन, देर से ही सही पीड़िता को अदालत से न्याय मिल गया.

क्या है पूरा मामला?

साल 2015 में जब पीड़िता 12 साल की थी तो चेन्नई में अपने पैरेंट्स के साथ किराये के घर में रहा करती थी. इसी दौरान घर के मालिक के दामाद अब्बास अली ने पीड़िता का अपहरण किया और नाबालिग बच्ची को चेन्नई से 450 किमी दूर डिंडीगुल ले गया. वहां उसने बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसे वहीं छोड़ दिया.

जिसके बाद पीड़िता के परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने जांच शुरू की और दो दिनों के भीतर बच्ची को ढूंढ़ निकाला और फिर अब्बास अली को गिरफ्तार कर लिया. 

यह भी पढ़ें: UP के हाथरस में 7 साल की बच्ची से रेप, आरोपी गिरफ्तार

Advertisement

दुर्भाग्यवश, नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की वजह से वह पूरी तरह से टूट चुकी थी. उस बच्ची की जिंदगी जिंदगी तहस-नहस हो गई. 

आरोपी की ओर से पीड़ित परिवार को धमकी मिलने लगी. जिसके बाद पीड़ित परिवार धमकियों से डरकर शहर से दूर गांव में नए पहचान के साथ बस गए. बच्ची पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उसकी स्कूली शिक्षा भी छूट गई और ट्रॉमा की वजह से वह सामान्य जीवन नहीं जी पाई.

पुलिस ने नहीं मानी हार

एमकेबी नगर की ऑल-विमेन पुलिस ने हार नहीं मानी और पीड़िता और उसकी मां का पता लगाया. इस समय पीड़िता की उम्र 22 साल हो गई. विशेष न्यायालय में न्यायमूर्ति रजालक्ष्मी के समक्ष पुलिस ने पीड़िता को पेश किया. जिसके बाद पीड़िता ने खुद पर हुए अत्याचार का विवरण दिया. 

यह भी पढ़ें: लखनऊ में चलती कार में रेप की कोशिश फिर हत्या, जबरदस्ती शराब पिला रहे थे आरोपी, 2 गिरफ्तार

पीड़िता के स्टेटमेंट और पुलिस की जांच के आधार पर अब्बास अली को 3 अप्रैल को दोषी ठहराया. भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अब्बास को 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.  साथ ही पोक्सो के तहत आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.  न्यायमूर्ति ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है कि 30 दिनों के भीतर पीड़िता को 15 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement