नोएडा में फर्जी थाना चलाने वाला कोलकाता में चला रहा था 'इंटरपोल' दफ्तर, TMC से निकला लिंक

नोएडा के सेक्टर 70 में एक फर्जी इंटरनेशनल पुलिस स्टेशन और आईबी ऑफिस का पर्दाफाश हुआ है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड पश्चिम बंगाल का एक पूर्व टीएमसी नेता है. आरोपी के खिलाफ बंगाल में भी कई मामले दर्ज हैं और वह वहां से भागकर नोएडा आया था.

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फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से वसूलता था पैसे (Photo: ITG) फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से वसूलता था पैसे (Photo: ITG)

अरविंद ओझा

  • नोएडा/कोलकाता,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) में एक फर्जी इंटरनेशनल पुलिस स्टेशन और आईबी ऑफिस चलाने का मामला सामने आया है. इसका मास्टरमाइंड तृणमूल कांग्रेस (TMC) का पूर्व ब्लॉक प्रमुख विभाष चंद है. वह पश्चिम बंगाल के बीरभूम से संबंध रखता है. 

विभाष के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भी कुछ घोटाले की जांच चल रही है. वह भागकर नोएडा आया और यहां अपने साथियों के साथ यह फर्जी ऑफिस खोला.

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शनिवार की रात, बिभास चंद्र, उसका बेटा और अन्य आरोपियों को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 70 से कथित तौर पर एक फर्जी 'अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एवं अपराध जांच ब्यूरो' चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. वे सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से पैसे वसूलते थे.

बंगाल से नोएडा तक ठगी का जाल...

आरोपी विभाष चंद और उसका बेटा पश्चिम बंगाल में लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर उनसे पैसे वसूल करते थे. वे लोगों के जमीन विवाद सुलझाने और उनके काम करवाने का वादा करते थे. विभाष का बेटा अपनी गाड़ियों पर इंटरपोल का स्टीकर लगाकर लोगों को डराता था. नोएडा में भी वे इसी तरह का फर्जीवाड़ा चला रहे थे.

एजेंसी के मुताबिक, कोलकाता के एक सीनियर अधिकारी ने सोमवार को बताया कि तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता बिभास चंद्र अधिकारी ने कथित तौर पर कोलकाता में भी इसी तरह के अपराध किए हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारी ने उत्तरी कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में सीआईटी रोड पर दो फ्लैट किराए पर लिए थे और वहां से एक दफ्तर संचालित करता था, जिस पर 'इंटरपोल', 'सामाजिक न्याय की जांच' और 'पुलिस' जैसे बोर्ड लगे थे.

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यह भी पढ़ें: नोएडा में गाजियाबाद जैसा फर्जी दूतावास का खेल, 'इंटरनेशनल पुलिस' के नाम पर खोला ठगी का ऑफिस

अधिकारी ने कहा, "शुरुआती जांच से पता चला है कि गिरफ्तार शख्स नीली बत्ती वाली एक गाड़ी में आता था, जो आमतौर पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ आईएएस या आईपीएस अधिकारियों के लिए होती है. यह आश्चर्यजनक है कि वह दो पुलिस थानों- बेलियाघाटा और नारकेलडांगा के बीच अपना कार्यालय चला रहा था."

उन्होंने बताया कि बीरभूम जिले के नलहाटी के पूर्व तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष भी शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी थे. सीबीआई ने पश्चिम बंगाल की जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी माने जाने वाले अधिकारी से भर्ती मामले में 2023 में कई बार पूछताछ की थी. साल 2021 में, अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस ने निकाल दिया था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बिभास चंद्र के पास बड़ी तादाद में संपत्तियां हैं, जिनमें नई दिल्ली और कोलकाता में आवास, साथ ही बीरभूम जिले के सूरी और हुगली जिले के कृष्णापुर में दो कॉलेज शामिल हैं.

(PTI के इनपुट के साथ)

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