पानी में डूबे हुए घर, तलैया बनी हुईं सड़कें, घर छोड़ने को मजबूर लोग... ये हालात हैं पूर्वोत्तर राज्य असम के. इन दिनों असम बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ की वजह से अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि पिछले 24 घंटों में राज्य में 2 और मौतें हुई हैं, जिससे इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या 39 हो गई है. धरमतुल और करीमगंज में कोपिली और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. असम के 12 जिलों- बारपेटा, कामरूप, बाजली, गोलपारा, नागांव, होजई, उदलगुरी, करीमगंज, दरांग, नलबाड़ी, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कछार की 2,63,452 आबादी बाढ़ की वजह से प्रभावित है.
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर करीमगंज में हुआ है. यहां की 1,39,989 आबादी बाढ़ के चलते प्रभावित है, इसके बाद दरांग जिले की 56,863 आबादी बाढ़ की चपेट में है. ASDMA ने कहा कि राज्य में प्रभावित आबादी 33 जिलों और 1,027 गांवों में फैली हुई है. 3,995.33 हेक्टेयर की फसल भूमि अभी भी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है, जबकि 47,795 मुर्गियां सहित 2,20,546 जानवर प्रभावित हैं.
राज्य में 134 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 17,661 लोग रह रहे हैं, जबकि 94 अन्य राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ ने कामरूप जिले में 54 लोगों रेस्क्यू किया है. जबकि विभिन्न हिस्सों में 16 नावें तैनात की गई हैं. ASDMA ने कहा कि कि प्रभावित क्षेत्रों में ग्यारह चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तेजपुर में कहा था कि बाढ़ की स्थिति अब थोड़ी चिंताजनक है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र की कई सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. अच्छी बात यह है कि ब्रह्मपुत्र अभी खतरे के निशान को पार नहीं कर पाई है. अगर बारिश रुक जाती है, तो स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी. अगर लगातार बारिश इसी तरह जारी रही, तो बाढ़ की स्थिति गंभीर हो जाएगी. सरमा ने कहा, "बाढ़ ज्यादा क्षेत्र में नहीं फैली है, लेकिन जहां भी आई है, वहां लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हम फिलहाल इसे संभाल रहे हैं. केंद्र सरकार लगातार हालात के बारे में जानकारी ले रही है, लेकिन हमने अभी तक कोई सहायता नहीं मांगी है. हमारे पास पर्याप्त धन है.
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