श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी 2024 को रामलला विराजमान होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अनुष्ठान में मुख्य यजमान के रूप में आमंत्रित किया गया है. राम मंदिर का प्रथम तल लगभग बनकर तैयार है और उद्घाटन के लिए इसकी साज-सज्जा का काम चल रहा है. इस बीच अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इस मुद्दे पर सियासत भी तेज होती जा रही है.
अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर उद्घाटन से पहले बयानबाजी की है. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ओवैसी अपने कौम के नौजवानो को अपनी मिल्ली हमीयत और ताकत को बरकरार रखने और अपनी मस्जिदों को आबाद रखने की अपील कर रहे हैं. वह कह रहे हैं, 'नौजवानो मैं तुमसे कह रहा हूं, हमारी मस्जिद हमने गंवा दी और वहां क्या किया जा रहा है आप देख रहे हैं. नौजवानों, क्या तुम्हारे दिलों में तकलीफ नहीं होती?'
वह आगे कहते हैं, 'जहां 500 साल हमने बैठकर कुरान-ए-करीम का जिक्र किया हो, आज वो जगह हमारे हाथ में नहीं है. नौजवानो, क्या तुमको नहीं दिख रहा कि तीन-चार और मस्जिदों को लेकर साजिश हो रही है, जिसमें दिल्ली की सुनहरी मस्जिद भी शामिल है. ये जो ताकतें हैं, तुम्हारे दिलों से इत्तेहाद को निकालना चाहते हैं. ये ऐसा क्यों चाहते हैं? क्योंकि मिल्ली गीरत को खत्म कर दिया जाए, मिल्ली हमीयत को खत्म कर दिया जाए. वर्षों की मेहनत के बाद आज हमारा एक मुकाम हमने पैदा किया है. आपको इन चीजों पर गौर करना है'.
वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम कौम के नौजवानो से अपील करते हैं, 'आप अपनी मिल्ली हमीयत को, अपनी ताकत को बरकरार रखिए. अपनी मस्जिदों को आबाद रखिए. कहीं ऐसा ना हो कि ये मस्जिदें हमसे छीन ली जाएं. मुझे उम्मीद है, इंशाअल्लाह... आज का ये नौजवान जो कल का बूढा होगा...वो अपनी नजरों को आगे रखकर, अपने दिमाग पर जोर डालकर सोचेगा की किस तरीके से मुझे अपने आपको, अपने खानदान को, अपने शहर को, अपने मुहल्ले को बचाना है. इत्तेहाद एक ताकत है, इत्तेहाद एक नेमत है'.
ओवैसी के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि ओवैसी का बयान भड़काऊ है और हिन्दुओं के प्रति द्रोह की भावना दिखाता है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह संवैधानिक व्यवस्था के अधीन हो रहा है. साथ ही सर्वोच्च न्यायलय के फैसले के आधार पर श्री राम जन्मस्थान हिन्दुओं को सौंपा गया है.
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