अनिल अंबानी को IDBI और BoB मामलों में बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत नहीं, IOB केस में मोहलत

अनिल अंबानी को बॉम्बे हाई कोर्ट से IDBI और बैंक ऑफ बड़ौदा मामलों में कोई अंतरिम राहत नहीं मिली. अदालत ने बैंकों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 17 दिसंबर तय की. अंबानी ने आरोप लगाया है कि उनके खातों को 'फ्रॉड’ घोषित करने की कार्रवाई BDO इंडिया की रिपोर्ट पर आधारित है.

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अनिल अंबानी पर फ्रॉड के कई मामले चल रहे हैं. (File Photo) अनिल अंबानी पर फ्रॉड के कई मामले चल रहे हैं. (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:31 AM IST

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को उद्योगपति अनिल अंबानी को उस समय झटका दिया, जब उनकी ओर से दायर तीन वादों IOB, IDBI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में अंतरिम राहत देने से अदालत ने इनकार कर दिया. अंबानी ने आरोप लगाया था कि बैंकों द्वारा उनके खातों को 'फ्रॉड' घोषित करने की कार्रवाई BDO इंडिया की उस फोरेंसिक रिपोर्ट पर आधारित है, जो नए RBI मास्टर डायरेक्शन (15 जुलाई 2024) के अनुरूप नहीं है.

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बुधवार को जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच के समक्ष मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन समय की कमी के कारण विस्तृत सुनवाई नहीं हो सकी. दिन समाप्त होने से ठीक पहले अंबानी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव जोशी ने तीनों मामलों का उल्लेख करते हुए अंतरिम सुरक्षा की मांग की. उनका कहना था कि जब तक सुनवाई न हो, बैंकों को अंबानी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाना चाहिए.

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हालांकि, IDBI बैंक की ओर से अधिवक्ता ज़रीर भरूचा, बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केविक स्टेल्वड और BDO की ओर से अधिवक्ता कुणाल द्वारकादास ने इस मांग का कड़ा विरोध किया. भरूचा ने अदालत को बताया कि न्याय के सिद्धांतों के तहत IDBI ने अंबानी को व्यक्तिगत सुनवाई दी थी. यह भी तर्क दिया गया कि अंबानी ने पहले IDBI की कार्रवाई के खिलाफ दायर अपनी रिट याचिका खुद वापस ले ली थी.

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मामले में अदालत 17 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी

मामले को सुनने के बाद अदालत ने किसी भी तरह की अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया और बैंकों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए 17 दिसंबर को अगली सुनवाई तय कर दी.

BDO इंडिया की रिपोर्ट को अदालत में अंबानी ने बताया अवैध

अंबानी का मुख्य तर्क यह है कि BDO इंडिया भारतीय कानून के तहत 'ऑडिटर' के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है, क्योंकि वह ICAI में पंजीकृत नहीं है. नए RBI दिशानिर्देशों के अनुसार, फ्रॉड जांच केवल उसी बाहरी ऑडिटर से कराई जा सकती है जो कंपनी अधिनियम के तहत अधिकृत हो. इस आधार पर अंबानी ने BDO की रिपोर्ट को अवैध बताया है.

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गौरतलब है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर SBI समेत कई बैंकों ने अंबानी के खातों को 'फ्रॉड' घोषित किया था और CBI में FIR भी दर्ज कराई गई थी. सुप्रीम कोर्ट में भी इस रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई की कोर्ट-निगरानी जांच की मांग लंबित है.

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