अयोध्या का राम मंदिर आज, 25 नवंबर 2025 को संपूर्ण हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया. सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में केसरिया ध्वज राम मंदिर पर फहराया गया.
आज, 25 नवंबर का दिन विवाह पंचमी भी है, जिसे त्रेतायुग में भगवान राम और सीता के विवाह दिवस के रूप में जाना जाता है. इस ऐतिहासिक मौके पर PM मोदी भावविभोर हो गए. उन्होंने धर्मध्वज को हाथ जोड़कर प्रणाम किया.
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मोहन भागवत के साथ मंदिर की पहली मंजिल पर बने रामदरबार में पूजा और आरती की. इसके बाद रामलला के दर्शन किए.PM ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक डेढ़ किमी लंबा रोड शो भी किया.
इस दौरान पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित देशभर से आए करीब 7000 मेहमान इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने. ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने रामभक्तों को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा यह ध्वज केवल एक ध्वज नहीं है. यह पूरी तरह से भारतीय सभ्यता के कायाकल्प का ध्वज है. भगवा रंग, सूर्यवंश का निशान, ओम शब्द और कोविदारा वृक्ष राम राज्य की महिमा दिखा रहे हैं. यह ध्वज एक संकल्प है, एक सफलता है, निर्माण के संघर्ष की एक पूरी कहानी है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये ध्वज दूर से ही रामलाल के जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए यानी जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज 'कर्मप्रधान विश्व रचि राखा' का संदेश देगा. ये धर्मध्वज 'बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा' की कामना करेगा.
शिखर पर ध्वज फहराता देख भक्त हर्षोल्लास के साथ झूम उठे. सभी ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की .
बता दें कि मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वजा को फहराने के लिए 42 फीट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया. स्तंभ पर 190 फीट की ऊंचाई पर पताका फहरी, जो 3 किलोमीटर दूर से दिखेगी. करीब चार किलो की ध्वजा को अहमदाबाद के कारीगरों ने नायलॉन पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया है. ध्वजा धूप, बारिश और तेज हवा से सुरक्षित रहेगी.