पुणे के पोर्श कार मामले में पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रही है. पुलिस ने शनिवार को नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले आरोपी को जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया था. साथ ही आरोपी के पिता और क्लब के संचलाकों को भी जेल भेज दिया गया. इस बीच शनिवार को पुणे क्राइम ब्रांच की टीम ने वधावन शेरी में ब्रह्मा सनसिटी में अग्रवाल बंगले की तलाशी ली. शनिवार को ये एक्शन ड्राइवर गंगाराम की शिकायत के बाद हुआ है, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सुरेंद्र अग्रवाल ने उस पर केस को अपने सिर लेने का दबाव बनाया और उसे अपने घर में बंधक बनाकर रखा.
पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि हादसे वाले दिन ड्राइवर पर अपराध का दोष लेने का दबाव बनाया गया. ड्राइवर ने अपने पहले बयान में कहा था कि वह कार चला रहा था. सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि लड़का गाड़ी चला रहा था. रात को जब ड्राइवर थाने से निकल रहा था, तो आरोपी सुरेंद्र अग्रवाल ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और उसे अपने आवास पर बंधक बनाकर रखा और ड्राइवर पर दोष लेने का दबाव बनाया. इसके बाद ड्राइवर के परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और अग्रवाल आवास पर आखिरकार उसे ढूंढ लिया गया.
ड्राइवर नहीं चला रहा था कार: पुलिस
अधिकारी ने बताया कि तभी से ड्राइवर डरा हुआ था. क्राइम ब्रांच ने ड्राइवर का बयान ले लिया है. ड्राइवर ने अब कहा है कि वह गाड़ी नहीं चला रहा था. ड्राइवर ने अब कहा है कि दबाव में आकर प्रारंभिक बयान दिया था कि वह गाड़ी चला रहा था. हमारी टीम आरोपी नाबालिग से भी पूछताछ कर सकती है. दो पुलिस अधिकारियों का आचरण संदिग्ध था. हमें दोनों पुलिस अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने की जानकारी नहीं है लेकिन पूछताछ अभी भी जारी है.
रील बनाने वाले युवक के खिलाफ केस दर्ज
साइबर पुलिस पुणे ने केस से संबंधित इंस्टाग्राम रील बनाने वाले और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 बी, 67 आईटी अधिनियम, 509 के तहत एफआईआर दर्ज की है. यह उन दो वीडियो के संबंध में है जो वायरल हो गए थे और कुछ समाचार चैनलों द्वारा भी यह दावा किया गया था कि यह था वही लड़का जो पुणे पोर्शे क्रैश केस में आरोपी है. हालांकि बाद में सामने आया कि ये आरोपी की वीडियो नहीं है.
क्या है मामला?
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था. इसके बाद उसे वापस हिरासत में ले लिया गया और इस समय नाबालिग सुधार गृह में है.
नाबालिग पर वयस्क की तरह केस चलाने की मांग
इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि नाबालिग आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है. पुलिस कमिश्नर का यह बयान आरोपी नाबालिग को जमानत दिए जाने पर नाराजगी के बीच आया. उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 304ए (लापरवाही से मौत) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दिव्येश सिंह