बीड लोकसभा चुनाव में आखरी तक कांटे की टक्कर देखने मिली. शरद पवार की पार्टी NCP के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे ने पकंजा मुंडे को 6 हजार 553 वोटों से हरा दिया है. इसलिए हाई स्टेक्स की लड़ाई में मराठा समर्थक मनोज जरांगे पाटील का फैक्टर दिखाई दिया. चुनाव प्रचार के समय पंकजा मुंडे को मराठा समुदाय ने मराठा आरक्षण मांग को लेकर कई बार रोका था.
मुंडे परिवार ने 2009 से 2024 तक शासन किया. हालांकि, जिले का आशा के अनुरूप विकास नहीं हुआ है. कुल मिलाकर यह बीड जिला सूखाग्रस्त और गन्ना श्रमिकों का जिला के रूप में जाना जाता है. यहां पर ज्यादातर बारिश होती नहीं है. कई बार पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में कहा था कि मुझे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना था. मगर पार्टी का आदेश के अनुसार मुझे लड़ना पड़ रहा है.
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र की बीड सीट से पंकजा मुंडे को उम्मीदवार बनाया. जबकि एनसीपी (शरद पवार) ने बजरंग सोनवणे को टिकट दिया. इस चुनाव में बीड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शरद पवार और प्रकाश अम्बेडकर की सभा हुई थीं. लेकिन, यहां सिर्फ शरद पवार की रैली का प्रभाव दिखाई दिया.
बीड से जीते उम्मीदवार बजरंग सोनवणे को 6 लाख 83 हजार 950 वोट पड़े और पंकजा मुंडे को 6 लाख 77 हजार 397 वोट पड़े. हालांकि 6 हजार 553 वोट से पंकजा मुंडे हारी. इस चुनाव में अम्बेडकर ने अशोक हिंगे को उम्मीदवारी दी थी. पिछले लोकसभा चुनाव से कम ओट 50 हजार 868 इस चुनाव में मिले.
जैसे ही बजरंग सोनवणे विजय हुये तो सोनवणे अंतरवली सराटी जाके मनोज जरांगे पाटील को मिले. सोनवणे का जरांगे पाटील ने स्वागत किया. मीडियाने बजरंग सोनवणे को सवाल किया इस जीत का श्रेय किसी को जाता है तो बजरंग सोनवणे ने कहा की य श्रेय बीड की जनता और मनोज जरांगे पाटील को जाता है.
लोकसभा चुनाव 2019 में बीड
बीड की जनता ने 2019 के चुनाव में 6 लाख 78 हजार 175 वोट देकर बीजेपी उम्मीदवार प्रीतम गोपीनाथराव मुंडे को अपना नेता चुना. उन्होंने एनसीपी उम्मीदवार बजरंग मनोहर सोनवणे को हराया. उन्हें 5 लाख 09 हजार 807 वोट मिले. वहीं, 2014 के बीड लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. जनता ने गोपीनाथराव पांडुरंग को सांसद बनाया. मुंडे को 6 लाख 35 हजार 995 वोट मिले जबकि एनसीपी उम्मीदवार सुरेश रामचंद्र को 4 लाख 99 हजार 541 वोट मिले थे.
रोहिदास हातागले