महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हथिनी महादेवी (इसे माधुरी के नाम से भी जाना जाता है) को गुजरात के जामनगर स्थित वाइल्ड लाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर (वन्यजीव पुनर्वास केंद्र) 'वंतारा' से वापस लाने की मांग को लेकर 45 किलोमीटर लंबी मौन पदयात्रा निकाली गई. इस पदयात्रा में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए. बता दें कि वंतारा, उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के दिमाग की उपज है और इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रिलायंस फाउंडेशन फंड करते हैं.
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष और हातकणंगले के पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व में सुबह 5 बजे नांदणी मठ से शुरू हुई इस पदयात्रा में महिलाएं, युवक, जैन समुदाय के लोग, धार्मिक संत और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए. प्रदर्शनकारी 'माधुरी लौटाओ' और 'जियो बॉयकॉट' लिखी टोपियां पहने हुए थे. लोगों ने हाथी की मूर्तियां और बैनर लेकर महादेवी हथिनी में अपनी आस्था प्रकट की. पदयात्रा शाम 5.45 बजे कोल्हापुर जिला कलेक्ट्रेट पर समाप्त हुई.
नांदणी मठ में 34 वर्षों से रह रही थी महादेवी हथिनी
नांदणी स्थित जैन मठ में 34 वर्षों से रह रही महादेवी हथिनी को हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार हाल ही में गुजरात स्थित वन्यजीव पुनर्वास केंद्र वंतारा में भेजा गया है. इस निर्णय से कोल्हापुर के नागरिकों में गहरी नाराजगी है. बीते एक सप्ताह से लगातार विरोध प्रदर्शन और बैठकें की जा रही थीं और रविवार की पदयात्रा इसी आंदोलन की कड़ी थी. सांगली-कोल्हापुर रोड, शिरोली फाटा, तावड़े होटल, तारारानी चौक, दाभोलकर कॉर्नर, स्टेशन रोड होते हुए पदयात्रा कलेक्टर कार्यालय पहुंची.
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इस बीच कई स्थानों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया. पुलिस द्वारा वैकल्पिक मार्गों से ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने के बावजूद शिरोली फाटा, रुईकर कॉलोनी चौक और अन्य क्षेत्रों में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. राजू शेट्टी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर संजय शिंदे और निवासी जिला कलेक्टर संजय तेली को हथिनी महादेवी को वंतारा से वापस लाने की मांग वाला ज्ञापन सौंपा.
पदयात्रा में शामिल हुए साधु-संत और सांसद-विधायक
इस पदयात्रा में कोल्हापुर के लक्ष्मीसेन भट्टारक महाराज, रामनाथ गिरि मठ के भगवानगिरि महाराज, आदि मठ के मणिरंजन प्रणवस्वरूपी गुरु, श्रवणबेलगोल मठ के चारुकीर्ति स्वामीजी, सांसद विशाल पाटिल, विधायक विश्वजीत कदम, बेलगाम विधायक अभय पाटिल, पूर्व विधायक उल्हास पाटिल, संजय पाटिल, सांसद धैर्यशील माने, विधायक राहुल आवडे, पूर्व विधायक प्रकाश आवडे, महिलाएं और बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए.
हातकणंगले के पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने बताया कि वह अगले हफ्ते राष्ट्रपति से मिलकर महादेवी को नंदनी मठ में वापस लाने के लिए हस्तक्षेप की मांग करेंगे. उन्होंने गंभीर आरोप लगाए कि गुजरात के जंगलों से जानवरों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने हथिनी महादेवी को वंतारा भेजे जाने को साजिश करार देते हुए कहा, 'यह पेटा (People for the Ethical Treatment of Animals) द्वारा मंदिर के हाथियों को हड़पने की एक चाल है, जो अंबानी (अनंत अंबानी) के लिए काम कर रहा है. हम अमेरिका में पेटा के मुख्यालय में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे और भारत में उसका लाइसेंस रद्द करने की मांग करेंगे.'
राजू शेट्टी ने कहा, 'जब महादेवी को मठ से ले जाया गया, तो उसकी आंखों में आंसू थे. वंतारा में पहले से ही 200 से ज्यादा हाथी हैं, फिर भी वे उसे इसलिए चाहते थे क्योंकि वह बहुत सुंदर है. महादेवी की वापसी की मांग को लेकर कोल्हापुर भर से दो लाख से ज्यादा हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं. जनभावना को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई में एक बैठक बुलाई, जिसमें महादेवी हथिनी पर चर्चा होगी.
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हथिनी महादेवी को मठ से वंतारा क्यों भेज दिया गया?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जुलाई, 2025 को कोल्हापुर स्थित जैन मठ, स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्था की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें हथिनी महादेवी को वन्यजीव पुनर्वास केंद्र वंतारा में स्थानांतरित करने को चुनौती दी गई थी. पेटा के मुताबिक 1992 से मठ में रह रही इस हथिनी को कथित तौर पर एकांत कारावास में रखा गया था और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद धार्मिक जुलूसों में इस्तेमाल किया जाता था. हाई पावर कमिटी द्वारा गठित एक सब-कमिटी की रिपोर्टों सहित कई विशेषज्ञ निरीक्षणों में पाया गया कि हाथी के पैर में गंभीर सड़न, अल्सर वाले घाव, बढ़े हुए नाखून थे, और उसमें मानसिक तनाव के लक्षण दिखाई दे रहे थे.
मठ ने महादेवी के स्वास्थ्य में सुधार का दावा करते हुए प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए, लेकिन अदालत ने कहा कि ये सरसरी तौर पर एक पृष्ठ के प्रमाण थे, जिनके साथ फोटोग्राफिक एविडेंस और पशु चिकित्सक की राय नहीं पेश की गई थी. हथिनी महादेवी को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर ही वंतारा भेजा गया है, लेकिन इसे लेकर स्थानीय स्तर पर व्यापक आक्रोश फैल गया है. लोगों का कहना है कि जैन मठ में महादेवी की उपस्थिति का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व था. भाजपा सांसद धनंजय महादिक ने हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिखकर महादेवी की वापसी की मांग की थी. जनता के आक्रोश के बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने कहा कि वंतारा के अधिकारियों ने समाधान खोजने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. (दीपक सूर्यवंशी के इनपुट के साथ)
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