फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से देश की आजादी को लेकर विवादित बयान दिया था. कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी. कंगना के इस बयान पर सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा. शिवसेना ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के इस बयान को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद अरविंद सावंत के नेतृत्व में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बाहर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया. शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कंगना के बयान से उत्पन्न विवाद से पल्ला झाड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा यही करती है. वे जिम्मेदारी से कैसे मुंह मोड़ सकते हैं. इसी सरकार ने कंगना को पद्म पुरस्कार देने के लिए सिफारिश की थी.
शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कंगना से पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग की और कहा कि उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. शिवसेना से अभिनेत्री के टकराव के इतिहास को लेकर पूछे जाने पर सावंत ने कहा कि कंगना अच्छी अभिनेत्री थीं लेकिन उनके विचार निम्न स्तर के थे. सोशल मीडिया पर विचार व्यक्त करने का तरीका शोभा नहीं देता.
शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि प्रदेश के राज्यपाल ने उनका स्वागत किया है. पहले भी बीजेपी कंगना के पीछे थी तो अब क्या हुआ? उन्होंने कहा कि ये ऐसा मसला नहीं है जिसे आसानी से खारिज किया जा सके. ये कहना महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों का अपमान है कि 1947 में मिली आजादी भीख थी.
पंकज उपाध्याय