महाराष्ट्र में नक्सल अभियान के ख़िलाफ़ बड़ी सफलता मिली है. नक्सलमुक्त भारत की दिशा में ये बड़ा योदान गोंदिया जिले से आया है. यहां 11 नक्सलियों ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण किया. इन सभी पर कुल 89 लाख रुपये का इनाम था.
पुलिस के अनुसार ये सभी दरेकसा दलम से जुड़े थे, जिसे महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ (MMC) जोन का सबसे सक्रिय नक्सली समूह माना जाता है.
आत्मसमर्पण करने वालों में सबसे बड़ा नाम अनंत उर्फ़ विनोद सैयाना का है. तेलंगाना के करीमनगर जिले से आने वाले 40 साल के विनोद पर 25 लाख रुपये का इनाम था और उसने आत्मसमर्पण के दौरान अपनी एके-47 रायफल भी जमा कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर से दरेकसा दलम की ताकत लगभग टूट गई है.
बाकी सदस्यों में पांडु पु्सु वड्डे, रानी उर्फ़ रमे यसू नरोटे, संतू उर्फ़ तिजाउराम पोरेत्ती, शेवंती रायसिंह पांद्रे, काशीराम राज्या बंटुला, नक्के सुक्लू कारा, सन्नू मुड़ीयम, सदु पुलई सोट्टी, शीला चामरू मडावी और ऋतु भीमा डोडी शामिल हैं. सभी ने पुलिस के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया.
यह भी पढ़ें: 20 लाख के इनामी नक्सली कपल का सरेंडर, माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका
गढ़चिरौली रेंज के डीआईजी अंकित गोयल ने बताया कि यह दलम लंबे समय से MMC जोन में सक्रिय था, लेकिन अब इसके अधिकांश सदस्य आत्मसमर्पण कर चुके हैं और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि अक्टूबर के महीने में नक्सली कमांडर भूपति उर्फ सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था. भूपति पर कई राज्यों में इनाम घोषित थे.
केंद्र सरकार की योजना है कि 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बना दिया जाए. इसी को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. नक्सलवाद भारत के आंतरिक सुरक्षा के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती रही है.
इनपुट: पीटीआई
aajtak.in