लोकसभा चुनाव के नतीजों पर सट्टेबाजी और IPL क्रिकेट मैचों के अवैध प्रसारण मामले में फेयरप्ले ऐप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने मुंबई और पुणे में छापेमारी की. संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि बुधवार को पोर्टल 'फेयरप्ले' के महाराष्ट्र के दो शहरों में 19 स्थानों पर तलाशी शुरू की गई. इस दौरान नकदी, बैंक फंड, डीमैट अकाउंट होल्डिंग्स और 8 करोड़ रुपये की लग्जरी घड़ियां जब्त या फ्रीज की गईं, साथ ही कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए.
ईडी ने मुंबई स्थित कुछ टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के परिसरों पर तलाशी ली गई, जिन्होंने फेयरप्ले ऐप को बढ़ावा देने के लिए अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को शामिल किया था और दर्शकों को फेयरप्ले ऐप पर आईपीएल 2023 देखने के लिए प्रोत्साहित किया था. प्रसारण अवैध था क्योंकि आधिकारिक प्रसारणकर्ता वायकॉम 18 था.
वायकॉम 18 ने फेयरप्ले ऐप के प्रमोटरों, अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप के माध्यम से ऐप का प्रचार करने का मामला दर्ज कराया था. मुंबई में कुछ एंट्री ऑपरेटरों पर भी तलाशी ली गई, जिन्होंने प्रमोशन के लिए टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के माध्यम से अभिनेताओं को भुगतान किए गए पैसे को डायवर्ट करने में मदद की थी.
इससे पहले रैपर बादशाह को इसी मामले में महाराष्ट्र साइबर ने तलब किया था और उनसे पूछताछ की थी, अभिनेता तमन्ना भाटिया और संजय दत्त को भी मामले में महाराष्ट्र साइबर ने तलब किया था. अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है और अभिनेता और अभिनेत्रियां भी जांच के दायरे में हैं. फेयरप्ले ऐप महादेव बुक ऐप नेटवर्क का हिस्सा है.
पीटीआई के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मुंबई पुलिस साइबर सेल की एक एफआईआर से उपजा है, जो फेयरप्ले स्पोर्ट एलएलसी और अन्य के खिलाफ 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान पहुंचाने के आरोप में वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत पर दर्ज की गई थी. फेयरप्ले ने दुबई और कुराकाओ में विदेशी संस्थाओं के माध्यम से मशहूर हस्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय एजेंसियों के साथ समझौते किए.
ईडी ने आरोप लगाया कि फेयरप्ले ने विभिन्न फर्जी/शेल बैंक खातों के माध्यम से धन एकत्र किया, जो बदले में शेल संस्थाओं के बैंक खातों के एक जटिल जाल के माध्यम से स्तरित किया गया था और फिर फर्जी बिलिंग में शामिल फार्मा कंपनियों में जमा किया गया था. जांच में पाया गया कि इन कंपनियों से धन हांगकांग, चीन और दुबई में स्थित विदेशी शेल संस्थाओं में ले जाया गया है, एजेंसी ने आरोप लगाया. इन उद्देश्यों के लिए शेल संस्थाओं के 400 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया गया था, जिनकी जांच फेयरप्ले द्वारा जनता से एकत्र किए गए धन के अनुरेखण और उपयोग के साथ की जा रही है.
दिव्येश सिंह